चैत्र नवरात्रि में किस दिन कन्या पूजन करना शुभ? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

  चैत्र नवरात्रि में किस दिन कन्या पूजन करना शुभ? जानिए तिथि, शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और नियम

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

 

नवरात्रि के नौ दिनों में मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि शुरू हुए थे, जो नवमी तिथि के साथ समाप्त होंगे। इस दौरान भक्तगण माता भगवती की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखते हैं। इसके साथ ही अष्टमी और नवमी तिथि का विशेष महत्व है। इन दिनों में मां महागौरी और सिद्धि दात्री का पूजा करने के साथ-साथ कन्या पूजन करने का भी विधान है। कन्या पूजन को कंजक भी कहा जाता है। जानिए चैत्र नवरात्रि के दौरान किस समय कंजक पूजन करना शुभ होगा। इसके साथ ही जानिए शुभ मुहूर्त और पूजा विधि।

कई लोग कन्या पूजन अष्टमी तिथि को, तो कई लोग नवमी तिथि को करते हैं। इस साल  कन्या पूजन 29 मार्च और 30 मार्च को को करना शुभ होगा।

 

कन्या पूजन 2023 अष्टमी तिथि (Chaitra Navratri 2023 Ashtami)

तिथि-  29 मार्च
अष्टमी तिथि का आरंभ – 28 मार्च को शाम 7 बजकर 3 मिनट से शुरू हो रही
अष्टमी तिथि समाप्त- 29 मार्च को रात 9 बजकर 8 मिनट तक

 

कन्या पूजन नवमी 2023 (Chaitra Navratri Navami 2023)

चैत्र शुक्ल नवमी तिथि आरंभ- 29 मार्च 2023 को रात 9 बजकर 07 मिनट से शुरू होगी
चैत्र शुक्ल नवमी तिथि समापन- 30 मार्च 2023 को रात 11 बजकर 30 मिनट तक

कन्या पूजन 2023 का महत्व (Significance Of Kanya Pujan 2023)

देवी पुराण के अनुसार, कन्या पूजन करने से मां दुर्गा अति प्रसन्न होती हैं और सुख-समृद्धि, धन-संपदा का आशीर्वाद देती है। इसके साथ ही कंजक पूजन करने से कुंडली में नौ ग्रहों की स्थिति मजबूत होती है।

चैत्र नवरात्रि 2023 कन्या पूजन की विधि (Chaitra Navratri Kanya Pujan Vidhi)

मां का ध्यान करके कंजक कराने के एक दिन पहले कन्याओं को आमंत्रित करें। इसके बाद दूसरे दिन श्रद्धा के साथ घर लाएं। कन्याओं के घर पर आने के बाद एक बड़ी थाली में पानी में थोड़ा सा दूध और फूल डाल लें और कन्याओं के पैर इसमें धुला दें। इसके बाद साफ कपड़े से पोंछ दें और चरण स्पर्श करें। अब कन्याओं को बैठाएं और माथे में हल्का घी लगाने के साथ सिंदूर लगाएं। इसके बाद अक्षत लगाएं और फूल अर्पित करने के साथ चुनरी पहनाएं। इसके बाद पूरी श्रद्धा के साथ पूरी, चना, हलवा या फिर अपनी योग्यता के साथ भोजन खिलाएं। भोजन करने के बाद कन्याओं को गिफ्ट्स के साथ कुछ पैसे दें और पैर छूकर उनसे आशीर्वाद लें और भूल चूक के लिए माफी मांग लें। अंत में कन्याओं के हाथ में थोड़े-थोड़े कच्चे चावल दें और घर में मौजूद महिला अपने पल्लू में उन्हे ले लें। इसके बाद कन्याओं को सम्मान के साथ विदा करें। कन्याओं को विदा करने के बाद चावल और पैर धोएं हुए पानी को पूरे घर में छिड़क दें।

चैत्र नवरात्रि 2023 कन्या पूजन के नियम (Chaitra Navratri Kanya Pujan Niyam)

  • कन्या पूजन करते समय कुछ नियमों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
  • कन्या पूजन अष्टमी या फिर नवमी दिन करना सबसे अच्छा माना जाता है।
  • कन्या पूजन के लिए 2 से 10 साल तक ही कन्याओं को बुलाएं।
  • कन्याओं के साथ एक छोटे लड़के को जरूर बुलाएं। बालक को ‘लंगूर’ कहा जाता है।
  • कन्याओं को भोजन कराने से पहले मां दुर्गा को भोग अवश्य लगाएं।
  • कन्या पूजन के लिए कम से कम 9 कन्याओं को अवश्य बुलाएं। आप चाहे, तो 11 भी कर सकते हैं।
  • कन्याओं के भोजन में लहसुन-प्याज का इस्तेमाल बिल्कुल भी नहीं करना चाहिए।  
  • कन्याओं के खिलाए जाने वाले भोजन को बिल्कुल भी जूठा न करें।

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