आज का पंचांग 4 अक्टूबर 2022, मंगलवार आश्विन शुक्ल पक्ष, नवमी,  महा नवमी, सरस्वती बलिदान, सरस्वती विसर्जन, आयुध पूजा, दुर्गा बलिदान, बंगाल महा नवमी, दक्षिण सरस्वती पूजा

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

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आज का पंचांग 4 अक्टूबर 2022, मंगलवार  

नवरात्रि के नौवें दिन करें देवी सिद्धिदात्री की पूजा
आज (4 अक्टूबर, मंगलवार) शारदीय नवरात्रि का नौवां और अंतिम दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा की जाती है। इनका आसन कमल का फूल है। देवता, असुर, गंधर्व, किन्नर और मनुष्य सभी इनकी पूजा करते हैं। मां सिद्धिदात्री की चार भुजाएं हैं। इनकी दाहिनी ओर की पहली भुजा में गदा और दूसरी भुजा में चक्र है। बांई ओर की भुजाओं में कमल और शंख है। 

4 अक्टूबर 2022, मंगलवार का पंचांग  
4 अक्टूबर 2022, दिन मंगलवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का नौवां दिन रहेगा। इस दिन देवी सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। मंगलवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र दिन भर रहेगा। मंगलवार को उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से पद्म नाम का शुभ योग दिन भर रहेगा। इसके अलावा अतिगण्ड और सुकर्मा नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:11 से शाम 04:39 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
मंगलवार को चंद्रमा मकर राशि में, सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

4 अक्टूबर 2022, मंगलवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष- शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- उत्तराषाढ़ा
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 05:51 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:42 सायं 
चन्द्रोदय - अक्टूबर 04 02:07 रात्रि 
चन्द्रास्त - अक्टूबर 12:52 रात्रि 
तिथि    नवमी - 02:20 दोपहर तक उपरांत दशमी
नक्षत्र    उत्तराषाढा - 10:51 रात्रि तक उपरांत श्रवण
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:52 से दोपहर 12:39 
रवि योग    पूरे दिन
 योग    अतिगण्ड - 11:23 दोपहर पूर्व तक उपरांत सुकर्मा
चन्द्र राशि    धनु - 06:02 प्रातः तक उपरांत मकर
सूर्य राशि    कन्या 

4 अक्टूबर 2022, मंगलवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 03:11 से शाम 04:39 तक

यम गण्ड - 9:19 प्रातः  – 10:47 प्रातः 
कुलिक - 12:15 दोपहर  – 1:43 दोपहर 
दुर्मुहूर्त - 08:44 प्रातः  – 09:31 प्रातः  और 11:02 रात्रि  – 11:51रात्रि 
वर्ज्यम् - 02:35 रात्रि  – 04:05 प्रातः 

निवास और शूल
होमाहुति    शुक्र - 10:51 रात्रि तक उपरांत शनि
दिशा शूल    उत्तर
चन्द्र वास    पूर्व - 06:02 प्रातः तक उपरांत दक्षिण - 06:02 प्रातः से पूर्ण रात्रि तक
अग्निवास    आकाश - 02:20 दोपहर तक उपरांत पाताल
राहु वास    पश्चिम
शिववास    गौरी के साथ - 02:20 दोपहर तक उपरांत सभा में


क्या होते हैं पक्ष?
हिंदू पंचांग में एक महीने को 2 पक्षों में बांटा गया है। इनके नाम शुक्ल और कृष्ण पक्ष हैं। शुक्ल पक्ष को पितरों का दिन और कृष्ण पक्ष को पितरों की रात कहा जाता है। शुक्ल पक्ष के अंतिम दिन को पूर्णिमा और कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को अमावस्या कहते हैं। इन दोनों पक्षों की 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। सिर्फ अंतिम दिन की तिथियों में अंतर होता है। 

 

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