आज का पंचांग सोमवार 20 जून 2022 आषाढ़ कृष्ण पक्ष, सप्तमी  कालाष्टमी सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में , शतभिषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग

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20 जून 2022, दिन सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.40 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।

सोमवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 07:26 से 09:07 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग सोमवार 20 जून 2022 
 

सोमवार 20 जून 2022 का पंचांग (Aaj Ka Panchang 20 June 2022)
20 जून 2022, दिन सोमवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 10.40 तक रहेगा। इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। सोमवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल सुबह 07:26 से 09:07 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
सोमवार चंद्रमा कुंभ में, सूर्य मिथुन राशि में, बुध और शुक्र वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

सोमवार 20 जून 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- सोमवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- शतभिषा और पूर्वा भाद्रपद
करण- विष्टि और बव
सूर्योदय - 05:08 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:51 सायं 
चन्द्रोदय - 12:30 रात्रि  
चन्द्रास्त - 12:37 दोपहर 
अभिजीत मुहूर्त - 12:01 दोपहर से 12:55 दोपहर
चन्द्र राशि    कुम्भ - 10:35 रात्रि तक उपरांत मीन
सूर्य राशि    मिथुन

सोमवार 20 जून 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 07:26 से 09:07 तक
यम गण्ड - 10:47 प्रातः  – 12:28 दोपहर
कुलिक - 2:09 दोपहर – 3:49 दोपहर
दुर्मुहूर्त - 12:55 दोपहर – 01:48 दोपहर और 03:36 दोपहर – 04:29 दोपहर
वर्ज्यम् - 02:22 दोपहर – 04:00 दोपहर

निवास और शूल
होमाहुति    गुरु - 04:35 प्रातः , जून 21 तक उपरांत राहु
दिशा शूल    पूर्व
नक्षत्र शूल    दक्षिण - 04:35 प्रातः , जून 21 तक
अग्निवास    आकाश - 09:01 रात्रि तक उपरांत पाताल
चन्द्र वास    पश्चिम - 10:35 रात्रि तक उपरांत उत्तर - 10:35 रात्रि से पूर्ण रात्रि तक
भद्रावास    मृत्यु - 09:34 प्रातः तक
राहु वास    उत्तर-पश्चिम
शिववास    श्मशान में - 09:01 रात्रि तक उपरांत गौरी के साथ

राहु का नक्षत्र है शतभिषा
आकाश मंडल के 27 नक्षत्रों में 27वां है शतभिषा। ये नक्षत्र पंचक के अंतर्गत आता है। ज्योतिश शास्त्र में इसे गुप्त प्रवृत्ति वाला नक्षत्र कहते हैं। इस नक्षत्र के स्वामी राहु है, जो कि एक छाया ग्रह है और इसकी राशि कुंभ है, यानि इसके चारों चरण कुंभ राशि में ही आते हैं। इस नक्षत्र में जन्में लोग बहुत साहसी और मजबूत विचारों वाले होते है, ये आसानी से किसी से प्रभावित नहीं होते। ये लोग धर्म के प्रति निष्ठावान होते हैं। दर्शन, चिकित्सा, मनोविज्ञान एवं ज्योतिष विषयों में इनकी खासी रूचि होती है।

 

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