आज का पंचांग 7 जून 2022, मंगलवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, सप्तमी पढ़ें कब है राहुकाल

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग 7 जून 2022, मंगलवार ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष, सप्तमी 

मंगलवार 7 जून 2022 का पंचांग  
7 जून 2022, दिन मंगलवार को ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि रहेगी। इस दिन धूमावती जयंती का पर्व मनाया जाएगा। ये देवी 10 महाविद्याओं में से एक है। मंगलवार को सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। मंगलवार को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से धूम्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल दोपहर 03:46 से शाम 05:26 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी 
मंगलवार को चंद्रमा सिंह राशि में, सूर्य और बुध वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल, गुरु और शु्क्र मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।

मंगलवार 7 जून 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रमी संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- ज्येष्ठ
पक्ष- शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- पूर्वा फाल्गुनी
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 05:07 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:47 सायं 
चन्द्रोदय - 11:36 दोपहर पूर्व 
चन्द्रास्त - 12:37 रात्रि , जून 08
अभिजीत मुहूर्त- 11:30 दोपहर पूर्व से 12:24 दोपहर
चन्द्र राशि    सिंह
सूर्य राशि    वृषभ

मंगलवार 7 जून 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 03:46 से शाम 05:26 तक
यम गण्ड - 9:05 प्रातः  – 10:45 प्रातः 
कुलिक - 12:25 दोपहर  – 2:06 दोपहर
दुर्मुहूर्त - 08:25 प्रातः – 09:18 प्रातः और 11:21 रात्रि  – 12:04 रात्रि 
वर्ज्यम् - 11:14 दोपहर पूर्व से  – 12:53 दोपहर

निवास और शूल
होमाहुति    शुक्र
दिशा शूल    उत्तर
अग्निवास    पृथ्वी
नक्षत्र शूल    उत्तर - 03:50 रात्रि , जून 08 से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास    पूर्व
भद्रावास    मृत्यु - 07:54 प्रातः से 08:17 रात्रि तक
राहु वास    पश्चिम
शिववास    भोजन में - 07:54 प्रातः तक उपरांत श्मशान में

आकाश मंडल का 11 नक्षत्र है पूर्वा फाल्गुनी
पूर्वा फाल्गुनी आकाश मंडल का 11वां नक्षत्र है। यह सूर्य की सिंह की राशि में आता है। नक्षत्र स्वामी शुक्र से इसकी मित्रता नहीं है। सूर्य अग्नितत्व प्रधान है तो शुक्र कला, सौंदर्य, धन का कारक है। यह सर्वाधिक दशा 20 वर्ष वाला नक्षत्र है। यह 13 अंश 20 कला से शुरू होकर 26 अंश 20 कला पर समाप्त होता है। इस नक्षत्र में जन्मे लोग चतुर होते हैं और साथ ही त्याग, साहस भी इनकी विशेषता रहती है। ये कला के क्षेत्र में अपना नाम कमाते हैं जैसे संगीत, अभिनय आदि।

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