आज का पंचांग बुधवार 10 अगस्त 2022 श्रावण शुक्ल पक्ष, त्रयोदशी  रवि योग

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग बुधवार 10 अगस्त 2022

 
बुधवार 10 अगस्त 2022, दिन बुधवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 02.15 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 09.39 तक रहेगा, इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। बुधवार को पहले पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र होने से श्रीवत्स नाम का शुभ योग और इसके बाद उत्तराषाढ़ा नक्षत्र होने से वज्र नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है।  इनके अलावा इस दिन प्रीति और आयुष्मान नाम के 2 अन्य योग भी बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल दोपहर 12:32 से 02:09 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
मंगलवार को चंद्रमा राशि बदलकर धनु से मकर में और मंगल मेष से वृषभ में प्रवेश करेगा। इस दिन शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। बुधवार को उत्तर दिशा की यात्रा करने से बचना चाहिए। यदि निकलना पड़े तो तिल या धनिया खाकर घर से बाहर निकलें।

बुधवार 10 अगस्त 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- पूर्वाषाढ़ा और उत्तराषाढ़ा
करण- तैतिल और गर 
सूर्योदय - 05:29 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:29 सायं 
चन्द्रोदय - अगस्त 10 04:15 सायं 
चन्द्रास्त - अगस्त 11 4:49 प्रातः 
शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि दोपहर 02.15 तक उपरांत चतुर्दशी
योग    प्रीति - 07:36 सायं तक आयुष्मान्
नक्षत्र    पूर्वाषाढा - 09:40 प्रातः तक उपरांत उत्तराषाढा
अभिजीत मुहूर्त – इस दिन अभिजीत मुहूर्त नहीं है
विजय मुहूर्त    02:15 दोपहर से 03:07 दोपहर
अमृत काल    01:13 दोपहर, अगस्त 11 से 02:38 सायं , अगस्त 11
रवि योग    09:40 प्रातः से 05:30 प्रातः , अगस्त 11


बुधवार 10 अगस्त 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 12:32 से 02:09 तक
यम गण्ड - 7:41 प्रातः  – 9:18 प्रातः 
कुलिक - 10:55 प्रातः – 12:32 दोपहर 
दुर्मुहूर्त - 12:06 दोपहर – 12:58 दोपहर
वर्ज्यम् - 04:44 सायं  – 06:09 सायं 

निवास और शूल
होमाहुति    शनि - 09:40 प्रातः तक उपरांत चन्द्र
दिशा शूल    उत्तर
अग्निवास    पाताल - 02:15 दोपहर तक उपरांत पृथ्वी
चन्द्र वास    पूर्व - 02:58 दोपहर तक उपरांत दक्षिण - 02:58 दोपहर से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास    दक्षिण-पश्चिम
शिववास    नन्दी पर - 02:15 दोपहर तक उपरांत भोजन में


कुंडली का पहला भाव
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जन्म कुंडली में 12 भाव होते हैं। इनमें से जो पहला भाव होता है, उसे लग्न स्थान भी कहते हैं। कुंडली ये भाव आत्म विश्वास, यश-अपयश, सुख-दुख का कारक होता है। यह भाव हमारी शारीरिक बनावट, सामान्य व्यक्तित्व लक्षण, स्वास्थ्य और हमारे जीवन की बचपन की अवधि को भी प्रभावित करता है। प्रथम भाव के स्वामी को लग्नेश का कहा जाता है। लग्न भाव का स्वामी अगर क्रूर ग्रह भी हो तो, वह अच्छा फल देता है।

टिप्पणी: सभी समय 12-घण्टा प्रारूप में वाराणसी, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।

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