आज का पंचांग बृहस्पतिवार 04 अगस्त 2022  तुलसीदास जयन्ती, भद्रा, रवि योग

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग बृहस्पतिवार 04 अगस्त 2022  
  
गोस्वामी तुलसीदास जयंती आज
4 अगस्त को गोस्वामी तुलसीदासजी की जयंती मनाई जाएगी। तुलसीदासजी भक्ति शाखा के कवियों में श्रेष्ठ माने गए हैं। इनके लिखित ग्रंथ आज भी काफी प्रचलित हैं। भगवान श्रीराम के जीवन पर आधारित श्रीरामचरित मानस तो भारतीय साहित्य का अमूल्य ग्रंथ हैं। जिस समय भारत में विदेश शासकों का प्रभुत्व था, उस समय गोस्वामी तुलसीदासजी ने हिंदू धर्म का प्रचार-प्रसार किया और अनेक ग्रंथों की रचना की। ऐसा भी कहा जाता है कि इन्हें भगवान श्रीराम और हनुमानजी ने साक्षात दर्शन दिए थे।

बृहस्पतिवार 04 अगस्त 2022 का पंचांग 
4 अगस्त 2022, दिन गुरुवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि रहेगी। गुरुवार को सूर्योदय चित्रा नक्षत्र में होगा, जो दोपहर 03.47 तक रहेगा। इसके बाद स्वाती नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। गुरुवार को पहले चित्रा नक्षत्र होने से चर और उसके बाद स्वाती नक्षत्र होने से स्थिर नाम के 2 शुभ योग इस दिन बन रहे हैं। इनके अलावा साध्य और शुभ नाम के योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 02:10 से 03:48 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
गुरुवार को चंद्रमा कन्या से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

बृहस्पतिवार 04 अगस्त 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- गुरुवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- चित्रा और स्वाती
करण- गर और वणिज 
सूर्योदय - 05:26 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:42 सायं 
चन्द्रोदय - अगस्त 04 11:33 दोपहर पूर्व 
चन्द्रास्त - अगस्त 04 11:19 रात्रि 
तिथि    षष्ठी - 05:40प्रातः तक उपरांत सप्तमी - 05:06 प्रातः , अगस्त 05 तक उपरांत अष्टमी
नक्षत्र    चित्रा - 06:48 सायं तक उपरांत स्वाती
योग    साध्य - 04:35 सायं तक उपरांत शुभ
चन्द्र राशि    कन्या - 06:40 प्रातः तक उपरांत तुला
सूर्य राशि    कर्क
अभिजीत मुहूर्त - 12:06 दोपहर  – 12:59 दोपहर 
विजय मुहूर्त    02:16 दोपहर से 03:09 दोपहर
अमृत काल    12:17 दोपहर से 01:55 दोपहर
रवि योग    05:26 प्रातः से 06:48 सायं 

बृहस्पतिवार 04 अगस्त 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 02:10 से 03:48 तक
यम गण्ड - 6:02 प्रातः  – 7:40 प्रातः 
कुलिक - 9:17 प्रातः  – 10:55 प्रातः 
दुर्मुहूर्त - 10:22 प्रातः  – 11:14 दोपहर पूर्व तक और 03:35 दोपहर – 04:27 दोपहर
वर्ज्यम् - 12:21 दोपहर – 01:56 रात्रि 

निवास और शूल
होमाहुति    बुध - 06:48 सायं तक उपरांत शुक्र
दिशा शूल    दक्षिण
चन्द्र वास    दक्षिण - 06:40 प्रातः तक उपरांत पश्चिम - 06:40 प्रातः से पूर्ण रात्रि तक
अग्निवास    पृथ्वी - 05:40 प्रातः तक उपरांत आकाश - 05:06 प्रातः , अगस्त 05 तक उपरांत पाताल
भद्रावास    पाताल - 05:06 प्रातः , अगस्त 05 से पूर्ण रात्रि तक
शिववास    नन्दी पर - 05:40 प्रातः तक उपरांत भोजन में - 05:06 प्रातः , अगस्त 05 तक
श्मशान में


ज्योतिष शास्त्र में बुध ग्रह का महत्व
ज्योतिष शास्त्र में हर ग्रह के बारे में काफी कुछ बताया गया है। उसी के अनुसार बुध ग्रह सौर मंडल का राजकुमार है। बुध ग्रह मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। ज्योतिष में इसे शुभ ग्रह की संज्ञा दी गई है। इसका अपना कोई खास प्रभाव नहीं होता, ये अन्य ग्रहों के साथ मिलकर उसी के अनुरूप फल देने लगता है। बुध जब शुभ ग्रहों (गुरु, शुक्र और बली चंद्रमा) के साथ होता है तो शुभ फल देता है और क्रूर ग्रहों (मंगल, केतु, शनि राहु, सूर्य) की साथ हो तो अशुभ फल देता है। 

 टिप्पणी: सभी समय 12-घण्टा प्रारूप में वाराणसी, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।

 

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