आज का पंचांग रविवार 24 जुलाई 2022 श्रावण कृष्ण पक्ष, एकादशी , रोहिणी व्रत, कामिका एकादशी, द्विपुष्कर योग

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग रविवार 24 जुलाई 2022
आज करें कामिका एकादशी व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा विशेष रूप से की जाती है। इस बार ये एकादशी 24 जुलाई, रविवार को है। इस दिन कई शुभ योग बनने से इस तिथि का महत्व और भी बढ़ गया है। मान्यता है कि इस दिन जो व्यक्ति व्रत रख भगवान विष्णु की विधि-विधान से पूजा करता है उसकी हर मनोकामना पूरी हो जाती है।
रविवार 24 जुलाई 2022 का पंचांग
24 जुलाई 2022, दिन रविवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि दोपहर लगभग 01.45 तक रहेगी, इसके बाद द्वादशी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन सूर्योदय रोहिणी नक्षत्र में होगा, जो पूरे दिन रहेगा। रविवार को रोहिणी नक्षत्र होने से धाता नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा इस दिन वृद्धि और धुव्र नाम के 2 अन्य शुभ योग भी बन रहे हैं। इस दिन राहुकाल शाम 05:30 से 07:08 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
रविवार को चंद्रमा वृषभ राशि में, सूर्य-बुध कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे। रविवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
कामिका एकादशी 24 जुलाई रविवार को , जानें शुभ मुहूर्त , जानें इस दिन परेशानियों को दूर करने के उपाय
रविवार 24 जुलाई 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- रोहिणी
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 05:21 प्रातः
सूर्यास्त - 06:48 प्रातः
चन्द्रोदय - जुलाई 24 02:09 रात्रि
चन्द्रास्त - जुलाई 24 03:30 दोपहर
तिथि एकादशी - 01:45 दोपहर तक उपरांत द्वादशी
अभिजित मुहूर्त 11:37 दोपहर पूर्व से 12:31 दोपहर
विजय मुहूर्त 02:19 दोपहर से 03:13 दोपहर
अमृत काल 06:25 सायं से 08:13 रात्रि
द्विपुष्कर योग 10:00 रात्रि से 05:22 प्रातः , जुलाई 25
रविवार 24 जुलाई 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल शाम 05:30 से 07:08 तक
यम गण्ड - 12:33 दोपहर – 2:12 दोपहर
कुलिक - 3:51 दोपहर – 5:30 सायं
दुर्मुहूर्त - 05:23 सायं – 06:15 सायं
वर्ज्यम् - 04:19 प्रातः – 06:08 प्रातः
निवास और शूल
होमाहुति राहु - 10:00 रात्रि तक उपरांत केतु
दिशा शूल पश्चिम
नक्षत्र शूल पश्चिम - 10:00 रात्रि तक
अग्निवास पृथ्वी - 01:45 दोपहर तक उपरांत आकाश
चन्द्र वास दक्षिण
राहु वास उत्तर
शिववास कैलाश पर - 01:45 दोपहर तक उपरांत नन्दी पर
शिव योग
ज्योतिष शास्त्र में 27 शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ये पंचांग के 5 अंगों में से एक है। इनमें से बीसवें योग का नाम शिव है। जन्म कुंडली में सप्तमेश से चतुर्थ, अष्टम व नवम भाव में यदि शुभ ग्रह हों तो शिव योग का निर्माण होता है। यह यह योग शक्ति एवं उर्जा प्रदान करने वाला होता है। जिस व्यक्ति का जन्म शिव योग में होता है वह मनुष्य बहुत ही बुद्धिमान होता है। ये सच्चे हृदय के व्यक्ति होते हैं। समाज में अपने साधु स्वभाव के कारण काफी मान सम्मान प्राप्त करते हैं।