आज का पंचांग रविवार 21 अगस्त 2022 भाद्रपद कृष्ण पक्ष, दशमी , रविवार को राहुकाल शाम 05:15 से 06:50 तक

Newspoint24/ ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग रविवार 21 अगस्त 2022
रविवार 21 अगस्त 2022 का पंचांग (Aaj Ka Panchang 21 August 2022)
21 अगस्त 2022, दिन शनिवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की दशमी तिथि रहेगी। इस दिन मृगशिरा नक्षत्र पूरे दिन रहेगा। रविवार को मृगशिरा नक्षत्र होने से सौम्य नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। साथ ही हर्षण नाम का एक अन्य शुभ योग भी इस दिन रहेगा। रविवार को राहुकाल शाम 05:15 से 06:50 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
रविवार को चंद्रमा वृष राशि से निकलकर मिथुन में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शुक्र कर्क राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।
रविवार 21 अगस्त 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- मृगशिरा
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 05:34 प्रातः
सूर्यास्त - 06:28 सायं
चन्द्रोदय - अगस्त 21 12:51 रात्रि
चन्द्रास्त - अगस्त 21 02:19 दोपहर
तिथि दशमी - 03:35 रात्रि , अगस्त 22 तक उपरांत एकादशी
नक्षत्र मॄगशिरा - पूर्ण रात्रि तक
करण वणिज - 02:20 दोपहर तक उपरांत विष्टि - 03:35 रात्रि , अगस्त 22 तक उपरांत बव
चन्द्र राशि वृषभ - 06:09 सायं तक उपरांत मिथुन
सूर्य राशि सिंह
विजय मुहूर्त 02:10 दोपहर से 03:02 दोपहर
अमृत काल 09:46 रात्रि से 11:35 रात्रि
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:04 से 12:55 तक
रविवार 21 अगस्त 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल शाम 05:15 से 06:50 तक
यम गण्ड - 12:29 दोपहर – 2:05 दोपहर
कुलिक - 3:40 दोपहर – 5:15 सायं
दुर्मुहूर्त - 05:09 सायं – 05:59 सायं
वर्ज्यम् - 10:58 प्रातः – 12:46 दोपहर
निवास और शूल
होमाहुति राहु
दिशा शूल पश्चिम
अग्निवास पृथ्वी
चन्द्र वास दक्षिण - 06:09 सायं तक उपरांत पश्चिम - 06:09 पी एम से पूर्ण रात्रि तक
भद्रावास स्वर्ग - 02:20 दोपहर से 03:35 रात्रि , अगस्त 22 तक
राहु वास उत्तर
शिववास क्रीड़ा में - 03:35 रात्रि , अगस्त 22 तक उपरांत कैलाश पर
हिंदू नववर्ष का पहला महीना है चैत्र
धर्म ग्रंथों के अनुसार, हिंदू नववर्ष की शुरूआत गुड़ी पड़वा से मानी जाती है। इसी दिन से चैत्र नवरात्रि का आरंभ भी होता है। हिंदू नववर्ष का पहला महीना चैत्र होता है। इस महीने के अंतिम दिन यानी पूर्णिमा तिथि पर चंद्रमा चित्रा नक्षत्र में रहता है, जिसके चलते इस महीने का नाम चैत्र पड़ा। हिंदू धर्म में इस महीने के विशेष महत्व बताया गया है। मान्यता है कि सृष्टि के रचयिता ब्रह्मा ने चैत्र मास की शुक्ल प्रतिपदा से ही सृष्टि की रचना आरम्भ की थी। वहीं सतयुग का आरम्भ भी चैत्र माह से माना जाता है। यही कारण है कि चैत्र मास से ही हिंदू नववर्ष का आरंभ होता है।