आज का पंचांग रविवार 19 जून 2022 आषाढ़ कृष्ण पक्ष, षष्ठी भद्रा, पञ्चक, त्रिपुष्कर योग

19 जून 2022, दिन रविवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि का योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय धनिष्ठा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 11.36 तक रहेगा। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा।
रविवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग और उसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल शाम 5:30 7:11 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
Newspoint24/ ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग रविवार 19 जून 2022
सूर्य से शुभ फल पाने के लिए करें रविवार का व्रत
हिंदू धर्म में प्रत्येक वार का एक स्वामी ग्रह बताया गया है। उसी के अनुसार, रविवार के स्वामी ग्रह सूर्य देवता हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य प्रतिकूल स्थिति में हो तो उसे अपने जीवन में कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानियों से बचने के लिए रविवार का व्रत करना एक आसान व अचूक उपाय है। प्रत्येक रविवार को सूर्यदेव की पूजा कर अलोन (बिना नमक) का व्रत करना चाहिए। इससे सूर्य से संबंधित शुभ फल मिलने लगते हैं।
रविवार 19 जून 2022 का पंचांग
19 जून 2022, दिन रविवार को आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी और षष्ठी तिथि का योग बन रहा है। इस दिन सूर्योदय धनिष्ठा नक्षत्र में होगा, जो सुबह 11.36 तक रहेगा। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से मातंग नाम का शुभ योग और उसके बाद शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बन रहा है। इस दिन राहुकाल शाम 5:30 7:11 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
रविवार चंद्रमा कुंभ में, सूर्य मिथुन राशि में, बुध और शुक्र वृषभ राशि में, राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में, मंगल व गुरु मीन में और शनि कुंभ राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।
रविवार 19 जून 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आषाढ़
पक्ष- कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- ग्रीष्म
नक्षत्र- धनिष्ठा और शतभिषा
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 05:08 प्रातः
सूर्यास्त - 06:51 सायं
चन्द्रोदय - 11:27 रात्रि
चन्द्रास्त - 10:08 प्रातः
अभिजीत मुहूर्त - 12:01 दोपहर से 12:55 दोपहर
चन्द्र राशि कुम्भ
सूर्य राशि मिथुन
रविवार 19 जून 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल शाम 5:30 से 7:11 तक
यम गण्ड - 12:28 दोपहर – 2:08 दोपहर
कुलिक - 3:49 दोपहर – 5:30 दोपहर
दुर्मुहूर्त - 05:23 सायं – 06:17 सायं
वर्ज्यम् - 11:12 दोपहर पूर्व से – 12:47 दोपहर
निवास और शूल
होमाहुति गुरु
दिशा शूल पश्चिम
अग्निवास पृथ्वी
नक्षत्र शूल दक्षिण - 04:53 प्रातः , जून 20 से पूर्ण रात्रि तक
भद्रावास मृत्यु - 10:18 रात्रि से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास पश्चिम
राहु वास उत्तर
शिववास भोजन में - 10:18 रात्रि तक उपरांत श्मशान में
धनिष्ठा नक्षत्र का स्वामी है मंगल और देवता वसु
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, आकाश मंडल में कुल 27 नक्षत्र है। इन सभी का स्थान और चिह्न भिन्न-भिन्न है। आकाश मंडल में स्थित 27 नक्षत्रों में से धनिष्ठा 23वें स्थान पर आता है। यह नक्षत्र चार तारों से मिलकर बना हुआ है। इसकी आकृति मृदंग के समान दिखाई देती है। इस नक्षत्र का स्वामी मंगल और और देवता वसु हैं। इस नक्षत्र में जन्मे लोग बहुमुखी प्रतिभा और बुद्धि के धनी होते हैं। ये जिस भी क्षेत्र में काम करते हैं, अपना अलग मुकाम बना लेते हैं। ये अच्छे शिक्षाविद और व्यवस्थापक भी होते हैं। ये मृदुभाषी और सभी को अपनी ओर आकर्षित करने वाले होते हैं।