आज का पंचांग रविवार 17 जुलाई 2022 श्रावण कृष्ण पक्ष, चतुर्थी , पञ्चक

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रविवार को सूर्य राशि बदलकर मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में बुध पहले से ही स्थित है। चंद्रमा इस दिन कुंभ राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल और राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे।

रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग रविवार 17 जुलाई 2022 


रविवार 17 जुलाई 2022 का पंचांग 
17 जुलाई 2022, दिन रविवार को श्रावण मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि सुबह 10:49 तक रहेगी, इसके बाद पंचमी तिथि आरंभ हो जाएगी। इस दिन को सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो शाम 06.42 तक रहेगा, इसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। रविवार को पहले शतभिषा नक्षत्र होने से राक्षस नाम का अशुभ योग और उसके बाद पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र होने से चर नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। साथ ही इस दिन सौभाग्य और शोभन नाम के 2 अन्य शुभ योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल शाम 05:31 से 7:11 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार से होगी...
रविवार को सूर्य राशि बदलकर मिथुन से कर्क राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में बुध पहले से ही स्थित है। चंद्रमा इस दिन कुंभ राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल और राहु मेष राशि में, केतु तुला राशि में और गुरु (वक्री) मीन राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

रविवार 17 जुलाई 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- शतभिषा और पूर्वा भाद्रपद
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 5:55 प्रातः 
सूर्यास्त - 7:11 सायं 
चन्द्रोदय - जुलाई 17 10:27 रात्रि 
चन्द्रास्त - जुलाई 18 10:26 प्रातः 
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12:06 से 12:59 तक

रविवार 17 जुलाई 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल शाम 05:31 से 7:11 तक
यम गण्ड - 12:32 दोपहर  – 2:12 दोपहर
कुलिक - 3:52 दोपहर – 5:31 सायं 
दुर्मुहूर्त - 05:24 सायं – 06:17 सायं
वर्ज्यम् - 07:32 सायं – 09:04 रात्रि 

व्याघात योग  
ज्योतिष शास्त्र में 27 शुभ-अशुभ योगों के बारे में बताया गया है। ये पंचांग के 5 अंगों में से एक है। इनमें से तेरहवें योग का नाम व्याघात है। ज्योतिष शास्त्र में इस योग तो बहुत ही अशुभ माना गया है, इसलिए इस योग में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता। इस योग में जिस व्यक्ति का जन्म होता है वह मनुष्य हर प्रकार के कार्य करने में निपुण होता है। ये काफी गुणवान होते हैं और समाज से इन्हें मान सम्मान मिलता है। ये अपने गुणों एवं कार्यों से दुनिया में विख्यात होते हैं।

   
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