आज का पंचांग शनिवार 6 अगस्त 2022 श्रावण शुक्ल पक्ष, नवमी आज दिन भर रहेंगे 4 शुभ योग
 

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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शनिवार 6 अगस्त 2022 का पंचांग 
6 अगस्त 2022, दिन शुक्रवार को श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि रहेगी। इस दिन सूर्योदय विशाखा नक्षत्र में होगा, जो शाम 05.51 तक रहेगा। इसके बाद अनुराधा नक्षत्र आरंभ हो जाएगा। शनिवार को पहले विशाखा नक्षत्र होने से शुभ और उसके बाद अनुराधा नक्षत्र होने से अमृत नाम के 2 योग इस दिन बनेंगे। इसके अलावा इस दिन शुक्ल और ब्रह्म नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 09:17 से 10:55 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा तुला राशि से निकलकर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन बुध ग्रह सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शुक्र मिथुन राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), मंगल-राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

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शनिवार 6 अगस्त 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- श्रावण
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- विशाखा और अनुराधा
करण- बालव और कौलव 
सूर्योदय - 05:27 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:40 सायं 
चन्द्रोदय - अगस्त 06 1:33 सायं 
चन्द्रास्त - सायं  07 12:42 रात्रि 
तिथि    नवमी - 02:11 रात्रि , अगस्त 07 तक उपरांत दशमी
नक्षत्र    विशाखा - 05:52 सायं तक उपरांत अनुराधा
योग    शुक्ल - 12:42 दोपहर तक उपरांत ब्रह्म 
चन्द्र राशि    तुला - 12:06 दोपहर तक उपरांत वृश्चिक
सूर्य राशि    कर्क
अभिजीत मुहूर्त - 12:06 दोपहर  – 12:58 दोपहर 
विजय मुहूर्त    02:16 दोपहर से 03:09 दोपहर
अमृत काल    09:20 प्रातः  से 10:53 प्रातः 
रवि योग    05:52 सायं से 05:28 प्रातः , अगस्त 07

शनिवार 6 अगस्त 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 09:17 से 10:55 तक
यम गण्ड - 2:10 दोपहर – 3:47 दोपहर
कुलिक - 6:03 प्रातः – 7:40 प्रातः
दुर्मुहूर्त - 07:47 प्रातः – 08:39 प्रातः
वर्ज्यम् - 09:38 रात्रि  – 11:08 रात्रि 

निवास और शूल
होमाहुति    शुक्र
दिशा शूल    पूर्व
अग्निवास    आकाश - 02:11 रात्रि , अगस्त 07 तक उपरांत पाताल
चन्द्र वास    पश्चिम - 12:06 दोपहर तक उपरांत उत्तर - 12:06 दोपहर से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास    पूर्व
शिववास    गौरी के साथ - 02:11 रात्रि , अगस्त 07 तक उपरांत सभा में 

सुख-संपत्ति का कारक है शुक्र ग्रह
ज्योतिष शास्त्र में शुक्र ग्रह को एक शुभ ग्रह माना गया है। शुक्र वृषभ और तुला राशि का स्वामी है और मीन इसकी उच्च राशि है, जबकि कन्या नीच राशि। शुक्र को 27 नक्षत्रों में से भरणी, पूर्वा फाल्गुनी और पूर्वाषाढ़ा नक्षत्रों का स्वामित्व प्राप्त है। ग्रहों में बुध और शनि शुक्र के मित्र ग्रह हैं और सूर्य व चंद्रमा शत्रु ग्रह। शुक्र हर 23 दिन में राशि बदलता है।  शुक्र ग्रह को भौतिक सुख, वैवाहिक सुख, भोग-विलास, शौहरत, कला, रोमांसऔर फैशन-डिजाइनिंग का कारक माना जाता है। 


टिप्पणी: सभी समय १२-घण्टा प्रारूप में वाराणसी, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं।
 
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