आज का पंचांग शनिवार 13 अगस्त 2022 भाद्रपद कृष्ण पक्ष, द्वितीया  भाद्रपद प्रारम्भ *उत्तर, पञ्चक, त्रिपुष्कर योग

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग शनिवार 13 अगस्त 2022

शनिवार 13 अगस्त 2022 का पंचांग 
13 अगस्त 2022, दिन शनिवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की द्वितिया तिथि है। इस दिन सूर्योदय शतभिषा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। शनिवार को शतभिषा नक्षत्र होने से आनंद नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इनके अलावा इस दिन शोभन और अतिगंड नाम के 2 अन्य योग भी बनेंगे। शनिवार को राहुकाल सुबह 09:18 से 10:55 तक रहेगा। इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें।   

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शनिवार को चंद्रमा कुंभ राशि में, मंगल वृषभ राशि में, शुक्र कर्क राशि में, बुध सिंह राशि में, सूर्य कर्क राशि में, शनि मकर राशि (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

13 अगस्त 2022 के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- शतभिषा
करण- तैतिल और गर
सूर्योदय - 05:30 प्रातः 
सूर्यास्त - 06:35 सायं 
चन्द्रोदय - अगस्त 13 8:20 रात्रि 
चन्द्रास्त - अगस्त 14 8:10 प्रातः 
तिथि    द्वितीया - 12:53 रात्रि , अगस्त 14 तक उपरांत तृतीया
नक्षत्र    शतभिषा - 11:28 रात्रि तक उपरांत पूर्व भाद्रपद
योग    शोभन - 07:50 प्रातः तक अतिगण्ड - 04:29 प्रातः , अगस्त 14 तक उपरांत सुकर्मा
चन्द्र राशि    कुम्भ
सूर्य राशि    कर्क
अभिजीत मुहूर्त– दोपहर 12:06 से 12:57 तक
विजय मुहूर्त    02:13 दोपहर से 03:06 दोपहर
अमृत काल    04:54 सायं से 06:22 सायं 
त्रिपुष्कर योग    11:28 रात्रि  से 12:53 रात्रि , अगस्त 14


13 अगस्त 2022 का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 09:18 से 10:55 तक  
यम गण्ड - 2:08 दोपहर – 3:44 दोपहर 
कुलिक - 6:06 प्रातः  – 7:42 प्रातः 
दुर्मुहूर्त - 07:49 प्रातः  – 08:40 प्रातः 
वर्ज्यम् - 05:27 प्रातः  – 06:57 प्रातः 

निवास और शूल
होमाहुति    मंगल
दिशा शूल    पूर्व
अग्निवास    आकाश - 12:53 रात्रि , अगस्त 14 तक उपरांत पाताल
चन्द्र वास    पश्चिम
राहु वास    पूर्व
शिववास    सभा में - 12:53 रात्रि , अगस्त 14 तक उपरांत क्रीड़ा में

कुंडली का चौथा भाव
ज्योतिष शास्त्र  के अनुसार, कुंडली का चौथा भाव घर-परिवार और माता से संबंधित है। ये भाव परिवार और संबंध के प्रभावों को दर्शाता है जो समय के साथ बदल जाते हैं। केवल चतुर्थ भाव ही आपके परिवार व संबंध के बारे में है। इसलिए, यह घर आपके पूर्वजों, संपत्ति, भूमि, घर, मवेशियों, आपके पास मौजूद वाहनों से संबंधित है। सरल शब्दों में, वह सब कुछ जो आपके मूल स्थान पर मजबूत संबंधों को संदर्भित करता है, वह चतुर्थ भाव के अंतर्गत आता है।

टिप्पणी: सभी समय 12 -घण्टा प्रारूप में वाराणसी, भारत के स्थानीय समय और डी.एस.टी समायोजित (यदि मान्य है) के साथ दर्शाये गए हैं

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