आज का पंचांग शुक्रवार 09 सितंबर 2022  भाद्रपद शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी , गणेश विसर्जन, अनन्त चतुर्दशी, भद्रा, पञ्चक, रवि योग

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Newspoint24/ ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

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आज का पंचांग शुक्रवार 09 सितंबर 2022  भाद्रपद शुक्ल पक्ष, चतुर्दशी , गणेश विसर्जन, अनन्त चतुर्दशी, भद्रा, पञ्चक, रवि योग

आज करें अनंत चतुर्दशी व्रत और गणेश प्रतिमा विसर्जन
धर्म ग्रंथों के अनुसार, भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को अनंत चतुर्दशी का व्रत किया जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के अनंत स्वरूप की पूजा की जाती है। इसिलए इसे अनंत चतुर्दशी कहा जाता है। इस दिन महिलाए व्रत रखकर भगवान अनंत का धागा अपनी भुजा पर बांधती हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। ये 10 दिवसीय गणेश उत्सव का भी अंतिम दिन होता है। इस दिन गणेश चतुर्थी पर स्थापित गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन किया जाता है।

9 सितंबर का पंचांग (Aaj Ka Panchang 9 september 2022)
9 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को भाद्रमास मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि शाम 6 बजे तक रहेगी, इसके बाद पूर्णिमा तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन भगवान विष्णु के अनन्त स्वरूप की पूजा की जाएगी। साथ ही इस दिन गणेश प्रतिमाओं का विसर्जन भी होगा। शुक्रवार को धनिष्ठा नक्षत्र सुबह 11.35 तक रहेगा। इसके बाद शतभिषा नक्षत्र रात अंत तक रहेगा। शुक्रवार को पहले धनिष्ठा नक्षत्र होने से प्रजापति और सौम्य नाम के 2 शुभ योग बनेंगे। इसके अलावा सुकर्मा और धृति नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 10:51 से दोपहर 12:24 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा कुंभ राशि में, शुक्र और सूर्य सिंह राशि में, बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो जौ या राईं खाकर घर से बाहर निकलें।

9 सितंबर के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- भादौ
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- वर्षा
नक्षत्र- धनिष्ठा और शतभिषा
करण- वणिज और विष्टि
सूर्योदय - 6:15 AM
सूर्यास्त - 6:33 PM
चन्द्रोदय - Sep 09 6:12 PM
चन्द्रास्त - Sep 10 5:51 AM
अभिजीत मुहूर्त: 11:59 AM से 12:48 PM


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9 सितंबर का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
यम गण्ड - 3:28 PM – 5:00 PM
कुलिक - 7:47 AM – 9:19 AM
दुर्मुहूर्त - 08:42 AM – 09:32 AM और 12:48 PM – 01:38 PM
वर्ज्यम् - 06:11 PM – 07:39 PM

अष्टमी तिथि के स्वामी हैं शिवजी
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कृष्ण और शुक्ल पक्ष मिलाकर कुल 16 तिथियां होती हैं। इनमें से 1 से लेकर 14 तक की तिथियां समान होती हैं। इनमें से आठवीं तिथि को अष्टमी कहते हैं। इस तिथि के स्वामी भगवान शिव है। यह तिथि जया तिथियों की श्रेणी में आती है, जिसके चलते इसका विशेष महत्व है। यह तिथि उन कामों के लिए खास मानी जाती है जिन्हें करने में व्यक्ति को साहस और शौर्य की अधिक आवश्यकता होती है। माँ दुर्गा की शक्ति के लिए भी अष्टमी तिथि का बहुत महत्व होता है।

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