आज का पंचांग 30 सितंबर 2022, शुक्रवार, आश्विन शुक्ल पक्ष, पञ्चमी , उपांग ललिता व्रत, गण्ड मूल, सर्वार्थ सिद्धि योग, रवि योग, नवरात्रि के पांचवें दिन देवी स्कंदमाता की पूजा

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग 30 सितंबर 2022, शुक्रवार
नवरात्रि के पांचवें दिन करें देवी स्कंदमाता की पूजा
आज (29 सितंबर, गुरुवार) शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के स्कंदमाता स्वरूप की पूजा की जाती है। भगवान स्कंद की माता होने के कारण मां दुर्गा के पांचवे स्वरूप को स्कंदमाता के नाम से जानते हैं। इनका आसन कमल है, इसलिए इन देवी का एक नाम पद्मासना भी है। सिंह इनका वाहन है। इन देवी की एक भुजा ऊपर की ओर उठी हुई है जिससे वह भक्तों को आशीर्वाद देती हैं और एक हाथ से उन्होंने गोद में बैठे अपने पुत्र स्कंद को पकड़ा हुआ है।
30 सितंबर 2022, शुक्रवार का पंचांग
30 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन रहेगा। इस दिन देवी स्कंदमाता की पूजा की जाएगी। शुक्रवार को अनुराधा नक्षत्र दिन भर रहेगा। शुक्रवार और अनुराधा नक्षत्र के योग से राक्षस नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा प्रीति योग भी इस दिन रहेगा। राहुकाल सुबह 10:48 से दोपहर 12:16 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा वृश्चिक राशि में, सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।
30 सितंबर 2022, शुक्रवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष- शुक्ल
दिन- शुक्रवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- अनुराधा
करण- बव और बालव
सूर्योदय - 05:49 प्रातः
सूर्यास्त - 05:46 सायं
चन्द्रोदय - सितंबर 30 09:56 प्रातः
चन्द्रास्त - सितंबर 30 08:51 सायं
तिथि पञ्चमी - 10:34 रात्रि तक उपरांत षष्ठी
नक्षत्र अनुराधा - 04:19 प्रातः , अक्टूबर 01 तक उपरांत ज्येष्ठा
योग प्रीति - 10:33 रात्रि तक उपरांत आयुष्मान्
चन्द्र राशि वृश्चिक
सूर्य राशि कन्या
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:40
सर्वार्थ सिद्धि योग 05:49 प्रातः से 04:19 प्रातः , अक्टूबर 01
रवि योग 04:19 प्रातः , अक्टूबर 01 से 05:50 प्रातः , अक्टूबर 01
30 सितंबर 2022, शुक्रवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 10:48 से दोपहर 12:16 तक
यम गण्ड - 3:14 दोपहर – 4:43 सायं
कुलिक - 7:50 प्रातः – 9:19 प्रातः
दुर्मुहूर्त - 08:43 प्रातः – 09:31 प्रातः और 12:40 दोपहर – 01:27 दोपहर
वर्ज्यम् - 09:39 प्रातः – 11:10 प्रातः
निवास और शूल
होमाहुति बुध
दिशा शूल पश्चिम
अग्निवास पृथ्वी - 10:34 रात्रि तक उपरांत आकाश
नक्षत्र शूल पूर्व - 04:19 प्रातः , अक्टूबर 01 से पूर्ण रात्रि तक
चन्द्र वास उत्तर
राहु वास दक्षिण-पूर्व
शिववास कैलाश पर - 10:34 रात्रि तक उपरांत नन्दी पर
क्या होता है दुर्मुहूर्त?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, राहुकाल की तरह ही दुर्मुहूर्त भी अशुभ समय होता है। शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकालते समय इसका भी विशेष ध्यान रखा जाता है। इसकी गणना ग्रह-नक्षत्रों के आधार पर की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर इस दौरान कोई शुभ कार्य कर लिया जाए तो उसमें हमेशा असफलता ही मिलती है और इस काम को पूरा होने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
यह भी पढ़ें : घर में बनी रहे सुख-शांति और समृद्धि तो नवरात्रि में घर लाएं ये 5 चीजें