आज का पंचांग 27 सितंबर 2022 मंगलवार आश्विन शुक्ल पक्ष, द्वितीया, चन्द्र दर्शन, द्विपुष्कर योग, नवरात्रि के दूसरे दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग 27 सितंबर 2022 मंगलवार
नवरात्रि के दूसरे दिन करें देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा
आज (27 सितंबर, मंगलवार) शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के ब्रह्मचारिणी स्वरूप की पूजा की जाती है। देवी ब्रह्मचारिणी ब्रह्म शक्ति यानि तप की शक्ति का प्रतीक हैं। इनकी आराधना से भक्त की तप करने की शक्ति बढ़ती है। साथ ही सभी मनोवांछित कार्य पूर्ण होते हैं।
27 सितंबर 2022 मंगलवार का पंचांग
27 सितंबर 2022, दिन मंगलवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का दूसरा दिन रहेगा। इस दिन देवी ब्रह्मचारिणी की पूजा की जाएगी। मंगलवार को चित्रा नक्षत्र होने से ध्वांक्ष नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन द्विपुष्कर, इंद्र, ब्रह्म और वैधृति नाम के 4 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल दोपहर 03:16 से शाम 04:45 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
मंगलवार को चंद्रमा कन्या राशि से निकलकर तुला राशि में प्रवेश करेगा। सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। मंगलवार को उत्तर दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि निकलना पड़े तो गुड़ खाकर यात्रा पर जाना चाहिए।
27 सितंबर 2022 मंगलवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-शुक्ल
दिन- मंगलवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- चित्रा
करण- बालव और कौलव
सूर्योदय - 05:48 प्रातः
सूर्यास्त - 05:49 सायं
चन्द्रोदय - सितंबर 27 06:53 प्रातः
चन्द्रास्त - सितंबर 27 06:51 सायं
तिथि द्वितीया - 02:28 रात्रि , सितम्बर 28 तक उपरांत तृतीया
नक्षत्र हस्त - 06:16 प्रातः तक उपरांत चित्रा
योग ब्रह्म - 06:44 प्रातः तक उपरांत इन्द्र - 05:04 प्रातः , सितम्बर 28 तक उपरांत वैधृति
चन्द्र राशि कन्या - 06:18 सायं तक उपरांत तुला
सूर्य राशि कन्या
अभिजीत मुहूर्त- 11:54 दोपहर पूर्व से 12:42 दोपहर
द्विपुष्कर योग 06:16 प्रातः से 02:28 रात्रि , सितम्बर 28
27 सितंबर 2022 मंगलवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 03:16 से शाम 04:45 तक
यम गण्ड - 9:19 प्रातः – 10:48 प्रातः
कुलिक - 12:17 दोपहर – 1:47 दोपहर
दुर्मुहूर्त - 08:43 प्रातः – 09:31 प्रातः, 11:05 रात्रि – 11:53 रात्रि
वर्ज्यम् - 11:45 दोपहर पूर्व – 01:20 दोपहर
निवास और शूल
होमाहुति सूर्य
दिशा शूल उत्तर
अग्निवास पाताल - 02:28 रात्रि , सितम्बर 28 तक उपरांत पृथ्वी
चन्द्र वास दक्षिण - 06:18 सायं तक उपरांत पश्चिम - 06:18 सायं से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास पश्चिम
शिववास गौरी के साथ - 02:28 रात्रि , सितम्बर 28 तक उपरांत सभा में
क्या होता है गंडमूल नक्षत्र?
ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्रों के बारे में बताया गया है। इनमें से 6 नक्षत्र गंडमूल कहे गए हैं। यानी इन 6 नक्षत्रों में अगर कोई बच्चा जन्म लेता है तो उसके पिता को उसका मुख 27 दिन तक नहीं देखना चाहिए। 27 दिन बाद जब पुनः वही नक्षत्र आए तो उसकी शांति करवाना चाहिए। नहीं तो इसका अशुभ असर माता-पिता पर होता है और कोई संकट की स्थिति बन सकती है।
यह भी पढ़ें : 2022 शारदीय नवरात्रि कैलेण्डर, किस दिन करें माँ के किस स्वरूप की आराधना