आज का पंचांग 25 सितंबर 2022, रविवार, आश्विन कृष्ण पक्ष, अमावस्या,  सर्वपित्रू अमावस्या, सर्वार्थ सिद्धि योग, जानें अमावस्या श्राद्ध का समय 

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25 सितंबर 2022, दिन रविवार को आश्विन मास की अमावस्या तिथि पूरे दिन रहेगी। ये श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन है। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। रविवार को सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। रविवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 04:47 से 06:16 तक रहेगा।

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

 
आज का पंचांग 25 सितंबर 2022, रविवार 

सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या श्राद्ध
25 सितंबर, रविवार को आश्विन मास की अमावस्या है। इसे सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या कहते हैं। इसी दिन श्राद्ध पक्ष का समापन होता है। मान्यता है कि इस दिन श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं। इस दिन किया गया पिंडदान और तर्पण सभी पितरों को तृप्त कर देता है। इससे जीवन में खुशहाली और सुख-समृद्धि बनी रहती है।

25 सितंबर 2022, रविवार का पंचांग  
25 सितंबर 2022, दिन रविवार को आश्विन मास की अमावस्या तिथि पूरे दिन रहेगी। ये श्राद्ध पक्ष का अंतिम दिन है। इसे सर्व पितृ अमावस्या कहते हैं। रविवार को सूर्योदय उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। रविवार को उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र होने से मित्र नाम का शुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन शुभ और शुक्ल नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल शाम 04:47 से 06:16 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
रविवार को चंद्रमा सिंह से निकलकर कन्या राशि में प्रवेश करेगा। इस राशि में पहले से ही सूर्य, शुक्र और बुध स्थित है। इस दिन मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। रविवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दलिया, घी या पान खाकर ही घर से निकलें।

25 सितंबर 2022, रविवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- रविवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- उत्तरा फाल्गुनी
करण- चतुष्पद और नाग
सूर्योदय - 05:48 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:51 सायं 
चन्द्रोदय - चन्द्रोदय नहीं
चन्द्रास्त - सितंबर 25 05:46 सायं 
तिथि    अमावस्या - 03:23 प्रातः , सितम्बर 26 तक, उपरांत प्रतिपदा
नक्षत्र    उत्तराफाल्गुनी - पूर्ण रात्रि तक
योग    शुभ - 09:06 प्रातः तक उपरांत शुक्ल
चन्द्र राशि    सिंह - 11:22 दोपहर पूर्व तक उपरांत कन्या
सूर्य राशि    कन्या
अभिजीत मुहूर्त- 11:54 दोपहर पूर्व से 12:42 दोपहर तक
सर्वार्थ सिद्धि योग    पूरे दिन 


25 सितंबर 2022, रविवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल शाम 04:47 से 06:16 तक
यम गण्ड - 12:18 दोपहर – 1:48 दोपहर
कुलिक - 3:17 दोपहर – 4:47 सायं 
दुर्मुहूर्त - 04:41 सायं  – 05:29 सायं 
वर्ज्यम् - 02:26 दोपहर  – 04:04 दोपहर 

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निवास और शूल
होमाहुति    सूर्य
दिशा शूल    पश्चिम
अग्निवास    पृथ्वी
नक्षत्र शूल    उत्तर
चन्द्र वास    पूर्व - 11:22 दोपहर पूर्व तक उपरांत दक्षिण - 11:22 दोपहर पूर्व से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास    उत्तर
शिववास    गौरी के साथ - 03:23 रात्रि , सितम्बर 26 उपरांत श्मशान में

पंचांग से कैसे करते हैं समय का मापन?
पंचांग के अनुसार, 2 नाड़िका=1  मुहूर्त। दिन व रात के घटने-बढ़ने के अनुसार 6 या 7 नाड़िका= 1 प्रहर या याम। दिन अथवा रात के चौथे भाग को प्रहर कहते हैं। 15 दिन रात का 1 पक्ष। पक्ष के 2 भेद होते हैं- शुक्ल और कृष्ण। 2 पक्ष मिलाकर 1 मास होता है जो पितरों का दिन रात है। 2 मास की 1 ऋतु और 6 मास का 1 अयन होता है। अयन दक्षिणायन और उत्तरायन दो प्रकार का होता है। ये दोनों अयन मिलकर देवताओं के 1 दिन-रात होते हैं तथा मनुष्य  लोक में ये 1 वर्ष या 12 महीने होते हैं।

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