आज का पंचांग 24 सितंबर 2022 शनिवार आश्विन कृष्ण पक्ष, चतुर्दशी,  चतुर्दशी श्राद्ध, मासिक शिवरात्रि 

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

 
आज का पंचांग 24 सितंबर 2022 शनिवार  

आज करें चतुर्दशी श्राद्ध
24 सितंबर, शनिवार को श्राद्ध पक्ष की चतुर्दशी तिथि है। इस दिन अकाल रूप से मारे गए पितरों का श्राद्ध किया जाता है जैसे यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु घटना-दुर्घटना में या किसी के शस्त्र द्वारा हुई हो तो उनका श्राद्ध इस तिथि पर जरूर करना चाहिए। सामान्य रूप से मृत परिजनों का श्राद्ध इस तिथि पर न करते हुए सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर करना चाहिए। ऐसा धर्म ग्रंथों में लिखा है। 

24 सितंबर 2022 शनिवार का पंचांग  
24 सितंबर 2022, दिन शनिवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि पूरे दिन रहेगी। शनिवार को सूर्योदय पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। शनिवार को पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र होने से लुंबक नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा इस दिन साध्य और शुभ नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:49 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शनिवार को शुक्र ग्रह सिंह राशि से निकलकर कन्या में प्रवेश करेगा। चंद्रमा सिंह राशि में, सूर्य, शुक्र और बुध कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।

24 सितंबर 2022 शनिवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- शनिवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- पूर्वा फाल्गुनी
करण- विष्टि और शकुनि
सूर्योदय - 05:47 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:53 सायं 
चन्द्रोदय - सितंबर 24 05:01 प्रातः 
चन्द्रास्त - सितंबर 24 05:14 सायं 
अभिजीत मुहूर्त- 11:54 दोपहर पूर्व से 12:42 दोपहर

24 सितंबर 2022 शनिवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 09:19 से 10:49 तक
यम गण्ड - 1:48 दोपहर – 3:18 दोपहर
कुलिक - 6:19 प्रातः  – 7:49 AM
दुर्मुहूर्त - 07:55 प्रातः  – 08:43 प्रातः 
वर्ज्यम् - 12:34 दोपहर  – 02:13 दोपहर 

वास और शूल
होमाहुति    केतु - 05:08 प्रातः , सितम्बर 25 तक उपरांत सूर्य
दिशा शूल    पूर्व
नक्षत्र शूल    उत्तर - 05:08 प्रातः , सितम्बर 25 से पूर्ण रात्रि तक
अग्निवास    आकाश - 03:12 प्रातः , सितम्बर 25 तक उपरांत पाताल
चन्द्र वास    पूर्व
राहु वास    पूर्व
भद्रावास    मृत्यु - 02:55 दोपहर तक
शिववास    श्मशान में - 03:12 प्रातः , सितम्बर 25 तक उपरांत गौरी के साथ

किस वार का प्रतिनिधि ग्रह कौन-सा? 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के 5 अंग होते हैं- तिथि, योग, करण, वार और नक्षत्र। पंचांग के अनुसार, एक सप्ताह में सात दिन यानी वार होते हैं रविवार, सोमवार, मंगलवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार और शनिवार। इन सभी वारों का संबंध अलग-अलग ग्रहों और देवताओं से माना गया है। जैसे सोमवार का प्रतिनिधि ग्रह चंद्रमा हैं और मंगलवार का मंगल। इस प्रकार बुधवार का प्रतिनिधि ग्रह बुधवार और गुरुवार का देवगुरु बृहस्पति।

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