आज का पंचांग 23 सितंबर 2022 शुक्रवार,  आश्विन कृष्ण पक्ष, त्रयोदशी,  त्रयोदशी श्राद्ध, प्रदोष व्रत, भद्रा, गण्ड मूल

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

 
आज का पंचांग 23 सितंबर 2022 शुक्रवार 

आज शुक्र प्रदोष व्रत
धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक महीने के दोनों पक्षों की त्रयोदशी तिथि पर भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए प्रदोष व्रत किया जाता है। इस बार 23 सितंबर, शुक्रवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी का योग बन रहा है। शुक्रवार को प्रदोष व्रत होने से ये शुक्र प्रदोष कहलाएगा। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर हो, उन्हें ये व्रत जरूर करना चाहिए।

23 सितंबर 2022 शुक्रवार का पंचांग 
23 सितंबर 2022, दिन शुक्रवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पूरे दिन रहेगी। इस दिन प्रदोष व्रत किया जाएगा। शुक्रवार को सूर्योदय मघा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। शुक्रवार को मघा नक्षत्र होने से काण नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा सिद्ध और साध्य नाम के 2 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे। इस दिन राहुकाल सुबह 10:49 से दोपहर 12:19 तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शुक्रवार को चंद्रमा सिंह राशि में, सूर्य और बुध कन्या राशि में, शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।
 
23 सितंबर 2022 शुक्रवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- शुक्रवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- मघा
करण- गर और वणिज
सूर्योदय - 05:47 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:54 सायं 
चन्द्रोदय - सितंबर 23 04:06 प्रातः 
चन्द्रास्त - सितंबर 23 04:41 दोपहर 
त्रयोदशी - 02:30 रात्रि , सितम्बर 24 तक उपरांत चतुर्दशी
नक्षत्र    मघा - 03:51 प्रातः , सितम्बर 24 तक उपरांत पूर्वाफाल्गुनी
योग    सिद्ध - 09:56 प्रातः तक उपरांत साध्य 
अभिजीत मुहूर्त- 11:55 दोपहर पूर्व से 12:43 दोपहर

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23 सितंबर 2022 शुक्रवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 10:49 से दोपहर 12:19 तक
यम गण्ड - 3:19 दोपहर  – 4:49 सायं 
कुलिक - 7:49 प्रातः  – 9:19 प्रातः 
दुर्मुहूर्त - 08:43 प्रातः – 09:31 प्रातः, 12:43 दोपहर – 01:31 दोपहर
वर्ज्यम् - 12:16 दोपहर – 01:57 दोपहर
गण्ड मूल    05:47 प्रातः  से 03:51 प्रातः , सितम्बर 24 तक 

निवास और शूल
होमाहुति    केतु
दिशा शूल    पश्चिम
अग्निवास    पृथ्वी
चन्द्र वास    पूर्व
राहु वास    दक्षिण-पूर्व
भद्रावास    मृत्यु - 02:30 रात्रि , सितम्बर 24 से पूर्ण रात्रि तक
शिववास    भोजन में - 02:30 रात्रि , सितम्बर 24 तक उपरांत श्मशान में

क्या होते हैं ये नक्षत्र? 
सितारों के समूहों को नक्षत्र कहा जाता है। जिन 27 सितारों के समूह के बीच से चंद्रमा गुजरता है वही अलग अलग 27 नक्षत्र के नाम से जाने जाते हैं। यानी हमारा पूरा तारामंडल इन्हीं 27 समूहों में बंटा हुआ है। इन नक्षत्रों के नाम इस प्रकार हैं- अश्विन नक्षत्र, भरणी नक्षत्र, कृत्तिका नक्षत्र, रोहिणी नक्षत्र, मृगशिरा नक्षत्र, आर्द्रा नक्षत्र, पुनर्वसु नक्षत्र, पुष्य नक्षत्र, आश्लेषा नक्षत्र, मघा नक्षत्र, पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र, उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र, हस्त नक्षत्र, चित्रा नक्षत्र, स्वाति नक्षत्र, विशाखा नक्षत्र, अनुराधा नक्षत्र, ज्येष्ठा नक्षत्र, मूल नक्षत्र, पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र, उत्तराषाढ़ा नक्षत्र, श्रवण नक्षत्र, घनिष्ठा नक्षत्र, शतभिषा नक्षत्र, पूर्वाभाद्रपद नक्षत्र, उत्तराभाद्रपद नक्षत्र, रेवती नक्षत्र। 

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