आज का पंचांग 22 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार, आश्विन कृष्ण पक्ष, द्वादशी,  इन्दिरा एकादशी पारण, द्वादशी श्राद्ध

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Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी 

ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी

 

 
आज का पंचांग 22 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार 

   
22 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि पूरे दिन रहेगी। गुरुवार को सूर्योदय आश्लेषा नक्षत्र में होगा, जो दिन भर रहेगा। गुरुवार को आश्लेषा नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग बनेगा। इसके अलावा शिव और सिद्ध नाम के 2 अन्य योग भी रहेंगे। इस दिन राहुकाल दोपहर 01:49 दोपहर से 03:19 दोपहर तक रहेगा।

ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
गुरुवार की रात चंद्रमा कर्क से निकलकर सिंह राशि में प्रवेश करेगा। इस दिन सूर्य और बुध कन्या राशि में, शुक्र सिंह राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। गुरुवार को दक्षिण दिशा की यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि करनी पड़े तो दही या जीरा मुंह में डाल कर निकलें।

22 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष-कृष्ण
दिन- गुरुवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- आश्लेषा
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 05:46 प्रातः 
सूर्यास्त - 05:55 सायं 
चन्द्रोदय - सितंबर 22 04:05 प्रातः 
चन्द्रास्त - सितंबर 22 03:11 रात्रि 
अभिजीत मुहूर्त- 11:55 दोपहर पूर्व से 12:43 दोपहर 
अमृत काल    12:18 रात्रि , सितम्बर 23 से 02:03 रात्रि , सितम्बर 23


22 सितंबर 2022 बृहस्पतिवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल दोपहर 01:49 दोपहर से 03:19 दोपहर तक
यम गण्ड - 6:19 प्रातः  – 7:49 प्रातः 
कुलिक - 9:19 प्रातः  – 10:49 प्रातः 
दुर्मुहूर्त - 10:19 प्रातः  – 11:07 प्रातः , 03:07 दोपहर  – 03:55 दोपहर 
वर्ज्यम् - 02:57 दोपहर  – 04:40 सायं 
गण्ड मूल    पूरे दिन

निवास और शूल
होमाहुति    केतु
दिशा शूल    दक्षिण
अग्निवास    आकाश - 01:17 रात्रि , सितम्बर 23 तक उपरांत पाताल
चन्द्र वास    उत्तर - 02:03 रात्रि , सितम्बर 23 तक उपरांत पूर्व - 02:03 रात्रि , सितम्बर 23 से पूर्ण रात्रि तक
शिववास    नन्दी पर - 01:17 रात्रि , सितम्बर 23 तक उपरांत भोजन में 

क्या होते हैं ये योग? 
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, पंचांग के 5 अंग होते हैं- तिथि, योग, करण, वार और नक्षत्र। दूरियों के आधार पर बनने वाले 27 योगों के नाम क्रमश: इस प्रकार हैं- विष्कुम्भ, प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, अतिगण्ड, सुकर्मा, धृति, शूल, गण्ड, वृद्धि, ध्रुव, व्याघात, हर्षण, वज्र, सिद्धि, व्यातीपात, वरीयान, परिघ, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल, ब्रह्म, इन्द्र और वैधृति। इनमें से कुछ शुभ और कुछ अशुभ फल प्रदान करते हैं।

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