आज का पंचांग 02 नवम्बर 2022 बुधवार : कार्तिक शुक्ल पक्ष, नवमी, अक्षय नवमी, जगद्धात्री पूजा, पञ्चक, रवि योग

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज अक्षय नवमी : अक्षय नवमी के शुभ दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है
अक्षय नवमी कार्तिक माह के शुक्ल नवमी के दिन मनाई जाती है। यह देव उठानी एकादशी से दो दिन पहले पड़ती है । ऐसा माना जाता है कि अक्षय नवमी के दिन ही सत्य युग की शुरुआत हुई थी। इसलिए अक्षय नवमी के दिन को सत्य युगादि के रूप में भी जाना जाता है और यह सभी प्रकार की दान-पुण्य गतिविधियों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जैसा कि अक्षय नाम से पता चलता है, इस दिन कोई भी धर्मार्थ या भक्तिपूर्ण कार्य करने का फल कभी कम नहीं होता और न केवल इस जन्म में बल्कि अगले अवतारों में भी व्यक्ति को लाभ होता है। अक्षय नवमी के पावन दिन मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा अत्यंत महत्वपूर्ण है। सत्य युगादि के शुभ दिन पर अधिकतम और कभी कम न होने वाली पुण्य अर्जित करने के लिए हजारों भक्त मथुरा-वृंदावन की परिक्रमा करते हैं।
अक्षय नवमी के दिन को आंवला नवमी के नाम से भी जाना जाता है । परंपरागत रूप से अक्षय नवमी के शुभ दिन आंवले के पेड़ की पूजा की जाती है। पश्चिम बंगाल में, उसी दिन जगधात्री पूजा के रूप में मनाया जाता है। सत्ता की देवी, जगद्दात्री की पूजा की जाती है।
आज का पंचांग 02 नवम्बर 2022 बुधवार
सूर्योदय 06:06 प्रातः
सूर्यास्त 05:17 सायं
चन्द्रोदय 01:40 दोपहर
चन्द्रास्त 12:56 रात्रि , नवम्बर 03
तिथि नवमी - 09:09 रात्रि तक उपरांत दशमी
नक्षत्र धनिष्ठा - 01:43 रात्रि , नवम्बर 03 तक उपरांत शतभिषा
योग गण्ड - 10:27 प्रातः तक उपरांत वृद्धि
करण बालव - 10:05 प्रातः तक उपरांत कौलव - 09:09 रात्रि तक
वार बुधवार
पक्ष शुक्ल पक्ष
चन्द्र राशि मकर - 02:16 दोपहर तक उपरांत कुम्भ
सूर्य राशि तुला
शुभ समय
अभिजित मुहूर्त कोई नहीं
रवि योग पूरे दिन
विजय मुहूर्त 01:33 दोपहर से 02:18 दोपहर
अमृत काल 03:49 दोपहर से 05:21 सायं तक
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अशुभ समय
राहुकाल 11:41 दोपहर पूर्व से 01:05 दोपहर
यमगण्ड 07:30 प्रातः से 08:54 प्रातः
वर्ज्य 06:41 प्रातः से 08:13 प्रातः
दुर्मुहूर्त 11:19 दोपहर पूर्व से 12:04 दोपहर
पञ्चक 02:16 दोपहर से 06:07 प्रातः , नवम्बर 03
निवास और शूल
होमाहुति शुक्र - 01:43 रात्रि , नवम्बर 03 तक उपरांत शनि
दिशा शूल उत्तर
चन्द्र वास दक्षिण - 02:16 दोपहर तक उपरांत पश्चिम - 02:16 दोपहर से पूर्ण रात्रि तक
अग्निवास पाताल - 09:09 रात्रि तक उपरांत पृथ्वी
राहु वास दक्षिण-पश्चिम
शिववास गौरी के साथ - 09:09 रात्रि तक उपरांत सभा में