आज का पंचांग 01अक्टूबर 2022 शनिवार, आश्विन शुक्ल पक्ष, षष्ठी,स्कन्द षष्ठी, नवरात्रि के छठे दिन देवी कात्यायनी की पूजा

Newspoint24/ज्योतिषाचार्य प. बेचन त्रिपाठी दुर्गा मंदिर , दुर्गा कुंड ,वाराणसी
आज का पंचांग 01अक्टूबर 2022 शनिवार
नवरात्रि के छठे दिन करें देवी कात्यायनी की पूजा
आज (1 अक्टूबर) शारदीय नवरात्रि का छठा दिन है। इस दिन देवी दुर्गा के कात्यायनी स्वरूप की पूजा की जाती है। ऋषि कात्यायन के यहां पुत्री रूप में जन्म लेने से माता का ये नाम पड़ा। देवी का यह रूप सिंह पर सवार है। मां के स्वरूप की बात करें तो इनकी चार भुजाएं हैं। दाहिनी ओर ऊपर वाला हाथ अभयमुद्रा में है तथा नीचे वाला हाथ वर मुद्रा में है। बाएं तरफ के ऊपर वाले हाथ में तलवार है और नीचे वाले हाथ में कमल का फूल है।
01अक्टूबर 2022 शनिवार का पंचांग
1 अक्टूबर 2022, दिन शनिवार को आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि पूरे दिन रहेगी। ये शारदीय नवरात्रि का छठा दिन रहेगा। इस दिन देवी कात्यायनी की पूजा की जाएगी। शनिवार को ज्येष्ठा नक्षत्र दिन भर रहेगा। शनिवार को ज्येष्ठा नक्षत्र होने से मूसल नाम का अशुभ योग इस दिन बनेगा। इसके अलावा आयुष्मान और सौभाग्य योग नाम के 2 शुभ योग भी इस दिन रहेंगे। राहुकाल सुबह 09:19 से 10:47 तक रहेगा।
ग्रहों की स्थिति कुछ इस प्रकार रहेगी...
शनिवार की रात चंद्रमा वृश्चिक राशि से निकलकर धनु में प्रवेश करेगा। सूर्य, बुध और शुक्र कन्या राशि में, मंगल वृष राशि में, शनि मकर राशि में (वक्री), राहु मेष राशि में, गुरु मीन राशि में (वक्री) और केतु तुला राशि में रहेंगे। शनिवार को पूर्व दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। पूर्व दिशा में यात्रा करना पड़े तो अदरक, उड़द या तिल खाकर घर से निकलें।
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01अक्टूबर 2022 शनिवार के पंचांग से जुड़ी अन्य खास बातें
विक्रम संवत- 2079
मास पूर्णिमांत- आश्विन
पक्ष- शुक्ल
दिन- शनिवार
ऋतु- शरद
नक्षत्र- ज्येष्ठा
करण- कौलव और तैतिल
सूर्योदय - 05:50 प्रातः
सूर्यास्त - 05:45 सायं
चन्द्रोदय - अक्टूबर 01 11:02 प्रातः
चन्द्रास्त - अक्टूबर 01 09:42 सायं
तिथि षष्ठी - 08:46 रात्रि तक उपरांत सप्तमी
नक्षत्र ज्येष्ठा - 03:11 प्रातः , अक्टूबर 02 तक मूल
योग आयुष्मान् - 07:59 रात्रि तक उपरांत सौभाग्य
चन्द्र राशि वृश्चिक - 03:11 रात्रि , अक्टूबर 02 तक उपरांत धनु
सूर्य राशि कन्या
अभिजीत मुहूर्त- सुबह 11:53 से दोपहर 12:40
रवि योग 05:50 प्रातः से 03:11 रात्रि , अक्टूबर 02
01अक्टूबर 2022 शनिवार का अशुभ समय (इस दौरान कोई भी शुभ काम न करें)
राहुकाल सुबह 09:19 से 10:47 तक
यम गण्ड - 1:45 दोपहर – 3:13 दोपहर
कुलिक - 6:22 प्रातः – 7:50 प्रातः
दुर्मुहूर्त - 07:56 प्रातः – 08:44 प्रातः
वर्ज्यम् - 12:22 रात्रि – 01:52 रात्रि
गण्ड मूल पूरे दिन
निवास और शूल
होमाहुति बुध - 03:11 ए एम, अक्टूबर 02 तक उपरांत शुक्र
दिशा शूल पूर्व
नक्षत्र शूल पूर्व - 03:11 रात्रि , अक्टूबर 02 तक
अग्निवास पाताल - 08:46 सायं तक उपरांत पृथ्वी
चन्द्र वास उत्तर - 03:11 रात्रि , अक्टूबर 02 तक उपरांत पूर्व - 03:11 रात्रि , अक्टूबर 02 से पूर्ण रात्रि तक
राहु वास पूर्व
शिववास नन्दी पर - 08:46 रात्रि तक उपरांत भोजन में
कब से कब तक रहता है ब्रह्म मुहूर्त?
रोज सुबह 4 बजे से लेकर 5:30 बजे तक का समय ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। हमारे ऋषि मुनियों ने इस मुहूर्त का विशेष महत्व बताया है। उनके अनुसार यह समय योग व मंत्र जाप के लिए श्रेष्ठ रहता है। इससे बल, बुद्धि और विद्या तीनों की प्राप्ति होती है। इस दौरान घर से बाहर निकलने से हमें शुद्ध वायु प्राप्त होती है जिससे फेफड़े स्वस्थ रहते हैं।
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