जानें 2023 में विवाह का शुभ मुहूर्त, अप्रैल, जुलाई से अक्टूबर तक 2023 में विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहुर्त नहीं

Know the auspicious time of marriage in 2023
सनातन धर्म में शादी या विवाह को एक ऐसा अनोखा बंधन माना जाता है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित भी करता है और उतना ही महत्व भी रखता है। यह महत्वपूर्ण बंधन इस बात का गवाह होता है कि इसमें बंधने के बाद दो व्यक्ति साथ जीने मरने, एक दूसरे का दुख सुख साझा करने, एक दूसरे के परिवार को प्यार और इज्ज़त देने की खूबसूरत शुरुआत करते हैं।

Newspoint24/newsdesk/एजेंसी इनपुट के साथ

 

2023 में विवाह मुहूर्त

विशेष तौर पर बात करें हिंदू धर्म की तो, सनातन धर्म में शादी या विवाह को एक ऐसा अनोखा बंधन माना जाता है जो किसी भी व्यक्ति के जीवन को प्रभावित भी करता है और उतना ही महत्व भी रखता है। यह महत्वपूर्ण बंधन इस बात का गवाह होता है कि इसमें बंधने के बाद दो व्यक्ति साथ जीने मरने, एक दूसरे का दुख सुख साझा करने, एक दूसरे के परिवार को प्यार और इज्ज़त देने की खूबसूरत शुरुआत करते हैं।

 

यह खास दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और यही वजह है कि लोग चाहते हैं कि इस दिन सितारे भी उनके पक्ष में हों इसीलिए हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस दिन को और ज्यादा फलित और शुभ बनाने के लिए ज्योतिषीय गणना के अनुसार शुभ मुहूर्त, कुंडली मिलान, और गुण मिलान आदि का विशेष महत्व बताया जाता है।

इसके अलावा कहा तो यह भी जाता है कि एक विवाह पूरी तरह से तब ही शुभ और फलित साबित होता है जब वर और वधू की कुंडली में से कुल 36 में से कम से कम 18 गुणों का मेल हो जाए। इसके बाद भी कई अन्य अनुष्ठानों और प्रक्रियाओं का पालन किया जाता है, सही मुहूर्त और तिथि की गणना की जाती है, और तब जाकर एक विवाह संपन्न होता है।

शुभ विवाह मुहूर्त (Shubh Vivah Muhurat 2023) विशेष अपने इस खास लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि वर्ष 2023 में किन-किन महीनों में यह मुहूर्त होने वाला है। साथ ही यहाँ हम आपको उन कारकों के बारे में भी बताएंगे जिन्हें 2023 में उपयुक्त विवाह मुहूर्त का चयन करते समय ध्यान में रखा जाना अनिवार्य होता है।

शुभ विवाह मुहूर्त 2023 की सूची

विवाह मुहूर्त 2023: जनवरी

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
माघ - नवमी 15 जनवरी 2023 रविवार तुला स्वाती शाम 7 बजकर 12 मिनट से सुबह 7 बजकर 15 मिनट तक
माघ - एकादशी, द्वादशी 18 जनवरी 2023 बुधवार वृश्चिक अनुराधा सुबह 7 बजकर 15 मिनट से शाम 5 बजकर 23 मिनट तक
माघ - पंचमी 25 जनवरी 2023 बुधवार कुम्भ-मीन उत्तरभाद्रपद रात 8 बजकर 5 मिनट से सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक
माघ - पंचमी-षष्ठी 26 जनवरी 2023 गुरुवार मीन उत्तर भाद्रपद, रेवती सुबह 7 बजकर 12 मिनट से 27 जनवरी सुबह 7 बजकर 12 मिनट तक
माघ - षष्ठी, सप्तमी 27 जनवरी 2023 शुक्रवार मीन-कुंभ रेवती सुबह 7 बजकर 12 मिनट से शाम 12 बजकर 42 मिनट तक
माघ - दशमी 30 जनवरी 2023 सोमवार वृश्चिक रोहिणी रात 10 बजकर 15 मिनट से सुबह 7 बजकर 10 मिनट तक

विवाह मुहूर्त 2023: फरवरी

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
फाल्गुन - प्रतिपदा,द्वितीया 6 फरवरी 2023 रविवार कर्क-सिंह मघा रात 9 बजकर 44 मिनट से सुबह 7 बजकर 6 मिनट तक
फाल्गुन - द्वितीया 7 फरवरी 2023 मंगलवार सिंह मघा सुबह 7 बजकर 6 मिनट से शाम 4 बजकर 3 मिनट तक
फाल्गुन - चतुर्थी 9 फरवरी 2023 गुरुवार कन्या उत्तराफाल्गुनी, हस्त सुबह 7 बजकर 5 मिनट से 10 फरवरी सुबह 7 बजकर 4 मिनट तक
फाल्गुन - पंचमी 10 फरवरी 2023 शुक्रवार कन्या हस्त सुबह 7 बजकर 4 मिनट से शाम 4 बजकर 45 मिनट तक
फाल्गुन - सप्तमी 12 फरवरी 2023 रविवार तुला स्वाती रात 9 बजकर 50 मिनट से सुबह 2 बजकर 27 मिनट तक
फाल्गुन - अष्टमी 13 फरवरी 2023 सोमवार तुला-वृश्चिक अनुराधा सुबह 2 बजकर 36 मिनट से सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक
फाल्गुन - नवमी 14 फरवरी 2023 मंगलवार वृश्चिक अनुराधा सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक
फाल्गुन - एकादशी 16 फरवरी 2023 गुरुवार धनु मूल सुबह 6 बजकर 59 मिनट से रात 10 बजकर 53 मिनट तक
फाल्गुन - तृतीया,चतुर्थी 22 फरवरी 2023 बुधवार मीन उत्तर भाद्रपद,रेवती सुबह 6 बजकर 54 मिनट से 23 फरवरी सुबह 6 बजकर 53 मिनट तक
फाल्गुन - चतुर्थी 23 फरवरी 2023 गुरुवार मीन-मेष रेवती सुबह 6 बजकर 53 मिनट से दोपहर 2 बजकर 23 मिनट तक
फाल्गुन - अष्टमी, नवमी 27 फरवरी 2023 सोमवार वृषभ रोहिणी दोपहर 4 बजकर 12 मिनट से 28 फरवरी सुबह 6 बजकर 48 मिनट तक
फाल्गुन - नवमी,दशमी 28 फरवरी 2023 मंगलवार वृषभ-मिथुन मृगशिरा सुबह 6 बजकर 48 मिनट से 1 मार्च सुबह 6 बजकर 47 मिनट तक

विवाह मुहूर्त 2023: मार्च

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
फाल्गुन - चतुर्दशी 6 मार्च 2023 सोमवार सिंह मघा सुबह 6 बजकर 41 मिनट से शाम 4 बजकर 17 मिनट तक
चैत्र - तृतीया 9 मार्च 2023 गुरुवार कन्या हस्त रात 9 बजकर 8 मिनट से 10 मार्च सुबह 5 बजकर 57 मिनट तक
चैत्र - चतुर्थी 11 मार्च 2023 शनिवार तुला स्वाती सुबह 7 बजकर 11 मिनट से शाम 7 बजकर 52 मिनट तक
चैत्र - षष्ठी 13 मार्च 2023 सोमवार वृश्चिक अनुराधा सुबह 8 बजकर 21 मिनट से रात नौ बजकर 27 मिनट तक

इस वर्ष अप्रैल 2023 में विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहुर्त नहीं है।

विवाह मुहूर्त 2023: मई

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
वैशाख - त्रयोदशी 3 मई 2023 बुधवार कन्या हस्त सुबह 5 बजकर 39 मिनट से रात 8 बजकर 56 मिनट तक
ज्येष्ठ - द्वितीया 6 मई 2023 शनिवार तुला-वृश्चिक अनुराधा रात 9 बजकर 13 मिनट से 7 मई 5 बजकर 36 मिनट तक
ज्येष्ठ - चतुर्थी 8 मई 2023 सोमवार वृश्चिक-धनु मूल सुबह 12 बजकर 49 मिनट से सुबह 5 बजकर 35 मिनट तक
ज्येष्ठ - चतुर्थी/पंचमी 9 मई 2023 मंगलवार धनु मूल सुबह 5 बजकर 35 मिनट से शाम 5 बजकर 45 मिनट तक
ज्येष्ठ - षष्ठी 10 मई 2023 बुधवार धनु-मकर उत्तराषाढ़ा शाम 4 बजकर 12 मिनट से 11 मई सुबह 5 बजकर 33 मिनट तक
ज्येष्ठ - षष्ठी 11 मई 2023 गुरुवार मकर उत्तराषाढ़ा सुबह 5 बजकर 33 मिनट से सुबह 11 बजकर 27 मिनट तक
ज्येष्ठ - एकादशी,द्वादशी 15 मई 2023 सोमवार मीन उत्तर भाद्रपद सुबह 9 बजकर 8 मिनट से 5 बजकर 30 मिनट तक
ज्येष्ठ - द्वादशी, त्रयोदशी 16 मई 2023 मंगलवार मीन उत्तर भाद्रपद/रेवती सुबह 5 बजकर 30 मिनट से 17 मई 1 बजकर 48 मिनट तक
ज्येष्ठ - प्रतिपदा, द्वितीया 20 मई 2023 शनिवार वृषभ रोहिणी शाम 5 बजकर 18 मिनट से सुबह 5 बजकर 27 मिनट तक
ज्येष्ठ - द्वितीया, तृतीया 21 मई 2023 रविवार वृषभ-मिथुन रोहिणी/मृगशिरा सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 22 मई सुबह 5 बजकर 27 मिनट
ज्येष्ठ - तृतीया 22 मई 2023 सोमवार मिथुन मृगशिरा सुबह 5 बजकर 27 मिनट से सुबह 10 बजकर 37 मिनट तक
ज्येष्ठ - नवमी, दशमी 29 मई 2023 सोमवार सिंह-कन्या उत्तराफाल्गुनी सुबह 5 बजकर 24 मिनट से 30 मई सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक
ज्येष्ठ - दशमी, एकादशी 30 मई 2023 मंगलवार कन्या हस्त सुबह 5 बजकर 24 मिनट से रात 8 बजकर 55 मिनट तक

विवाह मुहूर्त 2023: जून

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
ज्येष्ठ - द्वादशी,त्रयोदशी 1 जून 2023 गुरुवार तुला स्वाती सुबह 6 बजकर 48 मिनट से शाम 7 बजे तक
ज्येष्ठ - चतुर्दशी 3 जून 2023 शनिवार वृश्चिक अनुराधा सुबह 6 बजकर16 मिनट से सुबह 11 बजकर 16 मिनट तक
आषाढ़- द्वितीया 5 जून 2023 सोमवार धनु मूल सुबह 8 बजकर 53 मिनट से 6 जून सुबह 1 बजकर 30 मिनट तक
आषाढ़- चतुर्थी 6 जून 2023 मंगलवार धनु-मकर उत्तराषाढ़ा सुबह 12 बजकर 50 मिनट से 7 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक
आषाढ़- चतुर्थी 7 जून 2023 बुधवार मकर उत्तराषाढ़ा सुबह 5 बजकर 30 मिनट से रात 9 बजकर 2 मिनट तक
आषाढ़- नवमी 11 जून 2023 रविवार कुम्भ-मीन उत्तराभाद्रपद दोपहर 2 बजकर 32 मिनट से 12 जून सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक
आषाढ़- नवमी/दशमी 12 जून 2023 सोमवार मीन उत्तर भाद्रपद/रेवती सुबह 5 बजकर 23 मिनट से सुबह 9 बजकर 58 मिनट तक
आषाढ़- पंचमी, षष्ठी 23 जून 2023 शुक्रवार सिंह मघा सुबह 11 बजकर 3 मिनट से 24 जून सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक
आषाढ़- अष्टमी, नवमी 26 जून 2023 सोमवार कन्या हस्त दोपहर 1 बजकर 19 मिनट से सुबह 5 बजकर 25 मिनट तक

जुलाई से अक्टूबर तक 2023 में विवाह के लिए कोई भी शुभ मुहुर्त नहीं है।

विवाह मुहूर्त 2023: नवंबर

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
कार्तिक - द्वादशी 23 नवंबर 2023 गुरुवार मीन रेवती रात 9 बजकर 1 मिनट से 24 नवंबर सुबह 6 बजकर 51 मिनट तक
कार्तिक - पूर्णिमा, प्रतिपदा 27 नवंबर 2023 सोमवार वृषभ रोहिणी दोपहर 1 बजकर 35 मिनट से सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक
मार्गशीर्ष - प्रतिपदा,द्वितीया 28 नवंबर 2023 मंगलवार वृषभ-मिथुन रोहिणी,मृगशिरा सुबह 6 बजकर 54 मिनट से 29 नवंबर सुबह 6 बजकर 54 मिनट तक
मार्गशीर्ष - द्वितीया 29 नवंबर 2023 बुधवार मिथुन मृगशिरा सुबह 6 बजकर 54 मिनट से दोपहर 1 बजकर 59 मिनट तक

विवाह मुहूर्त 2023: दिसंबर

महीना-तिथि डेट दिन राशि नक्षत्र समय अवधि
मार्गशीर्ष - नवमी, दशमी 6 दिसंबर 2023 बुधवार सिंह-कन्या उत्तरा फाल्गुनी सुबह 7 बजे से 7 दिसंबर सुबह 7 बजकर 1 मिनट तक
मार्गशीर्ष - दशमी 7 दिसंबर 2023 गुरुवार कन्या हस्त सुबह 7 बजकर 1 मिनट से दोपहर 4 बजकर 9 मिनट तक
मार्गशीर्ष - द्वादशी 9 दिसंबर 2023 शनिवार तुला स्वाती सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 11 बजकर 37 मिनट तक
मार्गशीर्ष - तृतीया, चतुर्थी 15 दिसंबर 2023 शुक्रवार धनु-मकर उत्तराषाढ़ा सुबह 8 बजकर 10 मिनट से सुबह 16 दिसंबर 6 बजकर 24 मिनट तक

 

वर्ष 2023 के लिहाज से हमने आपको विवाह की शुभ घड़ी की सूची तिथि, और दिन के हिसाब से आपको प्रदान कर दी है। अब आप इनमें से अपने लिए उपयुक्त तिथि का चयन कर सकते हैं। हालांकि चूंकि विवाह जीवन का एक बहुत बड़ा फैसला होता है ऐसे में यहां यह बेहद जरूरी हो जाता है कि लड़का और लड़की की कुंडली पहले किसी  विद्वान ज्योतिषी को अवश्य दिखा ली जाए और उसके बाद ही विवाह का फैसला किया जाए।

विवाह मुहूर्त 2023 (Vivah Muhurat 2023) की गणना में विचार किए जाने वाले महत्वपूर्ण कारक

तिथि और मुहूर्त जानने के बाद अब आगे बढ़ते हैं और जान लेते हैं कि जब हम विवाह की शुभ घड़ी की गणना करते हैं तो उस दौरान क्या कुछ महत्वपूर्ण कारक होते हैं जिनका हमें विशेष ध्यान रखना होता है।

कारकों की बात करें तो,

सौर और चंद्र मास, शुभ नक्षत्र, विवाह के लिए निषेध योग, विवाह के लिए शुभ दिन, शुभ और अशुभ तिथियां, करण, लग्न/आरोही राशि, शुक्र और बृहस्पति, इन बातों का विशेष ध्यान रखा जाता है। आइए अब इनके बारे में विस्तार से जान लेते हैं।

सौर और चंद्र मास

शुभ विवाह मुहूर्त 2023 (Shubh Vivah Muhurat 2023) का चयन करते समय केवल सौर महीनों पर ही विचार किया जाता है। चातुर्मास यानी 4 महीनों की वह अवधि जब भगवान विष्णु सोने चले जाते हैं तो उस अवधि को सनातन धर्म में विवाह समारोह के लिए एकमात्र चंद्रमा माना गया है। मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार वर्ष 2023 में विवाह करने का जो सबसे अनुकूल समय होगा वह होगा सूर्य के गोचर का समय। सूर्य का गोचर किन किन राशियों में शुभ रहेगा इसकी जानकारी हम आपको नीचे प्रदान कर रहे हैं: मेष राशि, वृषभ राशि, मिथुन राशि, वृश्चिक राशि, मकर राशि, कुम्भ राशि वहीं इसके विपरीत जब सूर्य नीचे दी गई राशि में गोचर कर रहा होगा तो विवाह के लिए वह समय अनुकूल नहीं माना जाएगा। ऐसे में इस दौरान विवाह करने से बचें: कर्क राशि, सिंह राशि, कन्या राशि, तुला राशि, धनु राशि, मीन राशि

धनु मास के दौरान सनातन धर्म में विवाह वर्जित माने गए हैं। धनु मास को ही खरमास कहा जाता है और यह समय विवाह के लिहाज से शुभ नहीं माना गया है।

 

शुभ नक्षत्र

विवाह मुहूर्त 2023 (Vivah Muhurat 2023) के लिए 27 नक्षत्र में से केवल 11 नक्षत्रों को ही शुभ माना गया है। यह नक्षत्र होते हैं:

1. रोहिणी नक्षत्र (चौथा नक्षत्र)

2. मृगशिरा नक्षत्र (पांचवा नक्षत्र)

3. मघा नक्षत्र (दसवां नक्षत्र)

4. उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र (बारहवां नक्षत्र)

5. हस्त नक्षत्र (तेरहवां नक्षत्र)

6. स्वाति नक्षत्र (पंद्रहवां नक्षत्र)

7. अनुराधा नक्षत्र (सत्रहवां नक्षत्र)

8. मूल नक्षत्र (उन्नीसवां नक्षत्र)

9. उत्तराषाढ़ नक्षत्र (इक्कीसवां नक्षत्र)

10. उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र (छब्बीसवां नक्षत्र)

11. रेवती नक्षत्र (सत्ताईसवाँ नक्षत्र)

इन नक्षत्रों के शुभ होने का तात्पर्य या तर्क यह दिया जाता है कि, यह नक्षत्र वर और वधु को उनके वैवाहिक जीवन में सुख, सहानुभूति, आपसी प्रेम, पुत्र पौत्र, धनसंपदा, और आशीर्वाद देने के लिए जाने जाते हैं। लेकिन यहां विशेष ध्यान इस बात का रहे की माघ नक्षत्र और मूल नक्षत्र की पहली तिमाही और रेवती नक्षत्र की आखिरी तिमाही को अशुभ माना गया है।

मान्यता है कि यदि इस अवधि में कोई विवाह किया जाता है तो इससे विवाहित जोड़े के लिए मृत्यु का संकट बना रहता है। इसके अलावा कई ज्योतिषियों के अनुसार शादी जैसे पवित्र काम के लिए उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र से भी बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि इसी नक्षत्र में प्रभु श्री राम और मां सीता का विवाह हुआ था और उन्हें अपने विवाहित जीवन में विभिन्न कारणों की वजह से ढेरों कठिनाइयों और परेशानियों का सामना करना पड़ा था।

विवाह के लिए निषेध योग

अब जान लेते हैं कि 27 में से कौन से वह 8 योग जिन्हें विवाह के लिए वर्जित माना गया है या अशुभ माना गया है।

1. अतिगण्ड योग (छठा योग)

2. शूल योग (नौवां योग)

3. गंड योग (10 वां योग)

4. व्याघात योग (13 वां योग)

5. व्यतिपात योग (17 वां योग)

6. परिघ योग (19 वां योग)

7. इंद्र योग (26 वां योग)

8. वैधृति योग (27 वां योग)

यह योग विवाह के लिए वर्जित माने जाते हैं और ऐसी मान्यता है कि यदि इस योग में कोई विवाह संपन्न किया जाए तो इससे वर और वधु के मृत्यु की आशंका बढ़ जाती है। सिर्फ इतना ही नहीं इन 8 योगों में विवाह करने से जीवन में और भी कई दुष्परिणाम प्राप्त हो सकते हैं जैसे, पत्नी को आए दिन बीमारियों से जूझना पड़ सकता है या पति शराब पीने और मांस खाने जैसे गलत कामों में सलंग्न हो सकता है।

इन आठ के अलावा अन्य 19 योगों को विवाह के लिए पवित्र माना गया है।  

विवाह के लिए शुभ दिन

सप्ताह में सोमवार, बुधवार, गुरुवार, और शुक्रवार के दिनों को विवाह के लिए बेहद ही अनुकूल माना गया है। वहीं इसके विपरीत मंगलवार का दिन विवाह के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है। ऐसे में इस दिन विवाह करने से बचें।

विवाह के लिए शुभ और अशुभ तिथियां

अनुकूल तिथियाँ- द्वितीया तिथि, तृतीया तिथि, पंचमी तिथि, सप्तमी तिथि, एकादशी तिथि और त्रयोदशी तिथि

प्रतिकूल तिथियाँ- चतुर्थी तिथि, नवमी तिथि और चतुर्दशी तिथि

करण

विवाह जैसे मांगलिक कार्यों के लिए चार ऐसे कारण बताए गए हैं जिन्हें वर्जित माना गया है।

  • विष्टी करण
  • शकुनि करण
  • चतुष्पाद करण
  • नाग करण

हालांकि वहीं शुभ कारणों की बात करें तो,

  • किन्स्तुघना करण
  • बव करण
  • बालव करण
  • कौलव करण
  • तैतिल करण
  • गर करण
  • वणिज करण

लग्न - आरोही राशि

विवाह के लिए शुभ मुहूर्त और तिथि की गणना करते समय लग्न राशि का भी विशेष महत्व बताया गया है क्योंकि इसे एक सफल और सुखमय विवाह की सबसे मजबूत नींव के रूप में जाना जाता है। 2023 में शुभ मुहूर्त का चयन शुभ लग्न के अनुसार तो किया ही जाना चाहिए साथ ही इस दौरान शुभ लग्न का भी ध्यान रखना चाहिए क्योंकि अगर गलती से भी विवाह अशुभ लग्न के दौरान किया जाए तो इससे वर और वधु को साथ में उनके परिवारों के जीवन में भी अशुभ परिणाम मिलने की आशंका बढ़ जाती है।

आरोही या लग्न के दौरान किए गए व्यवहार से मिलने वाले कुछ दुष्परिणामों की बात करें तो, इस दौरान नौकरी छूटने का भय, व्यभिचारी पत्नी मिलने का भय, अस्थिर विवाहित जीवन, विवाहित जीवन में तमाम उठापटक और परेशानियों आदि दुष्परिणाम झेलने पड़ सकते हैं।

इसके अलावा शुभ लग्न या शुभ राशियों की बात करें तो विवाह के लिए मिथुन राशि, कन्या राशि, और तुला राशि को बेहद शुभ माना गया है।

शुक्र और बृहस्पति

वैदिक ज्योतिष में विवाह मुहूर्त (Vivah Muhurat) की गणना करने से पहले शुक्र और बृहस्पति पर विचार किया जाना बेहद आवश्यक होता है। हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार जब बृहस्पति और शुक्र ग्रह अस्त होते हैं तो इस दौरान विवाहित और अन्य मांगलिक कार्य करना वर्जित होता है। ऐसे में इस दौरान कोई भी विवाह समारोह नहीं किया जाता है।

होलाष्टक

उत्तर भारत में होलाष्टक के दौरान शादियां भी नहीं होती हैं। होलाष्टक आठ दिनों की वो अशुभ अवधि होती है जो फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष के दौरान अष्टमी तिथि से शुरू होकर फाल्गुन पूर्णिमा पर समाप्त होती है। विवाह की शुभ घड़ी की गणना के दौरान होलाष्टक का भी विशेष ध्यान रखने की अवश्यकता होती है।

विवाह की शुभ घड़ी की गणना करवाते समय या करवाने से पहले किसी जानकार ज्योतिषी से परामर्श करके ऊपर दिए गए सभी विषयों पर विचार अवश्य करें और उसके बाद ही विवाह जैसा महत्वपूर्ण कदम आगे बढ़ाएं।

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